ट्रेन का नंबर बड़ा खास होता है इनकी अपनी एक गणित होती है और एक विज्ञान का फार्मूला भी। महज ट्रेन के एक नंबर से पता चल जाता है कि ट्रेन सुपरफास्ट है या नहीं कहां से आ रही है कहां जा रही है। आपको यह नंबर अपनी टिकट पर और ट्रेन के इंजन के ऊपर दिख जाएगा। पांच अंकों वाला यह नंबर 0 से लेकर 9 नंबर तक होता है। गौरतलब है कि भारतीय रेलवे ने अब गाड़ी नंबर को 5 डिजिट का कर दिया है। यह पहले 4 डिजिट का हुआ करता था।
0- अगर ट्रेन का नंबरा जीरो से शुरू होता है तो वो ट्रेन स्पेशल ट्रेन होती है।
1- अगर उसका नंबर एक से शुरू होता है तो वो लंबी दूरी की ट्रैन है।
2- दो का मतलब यह ट्रेन भी लंबी दूरी की होंगे लेकिन ऐसा तब होगा जान पहला डिजिट 1 से शुरू होगा।
3- तीन से पता चलता है कि ये कोलकाता सब अर्बन ट्रेन है।
4- चार डिजिट का मतलब ट्रेन मेट्रोपॉलिटन शहर की है जैसे चेन्नई, नई दिल्ली, सेक्युंदराबाद आदि…
5- पांच डिजिट बताता है कि ट्रेन कन्वेंशनल कोच वाली पैसेंजर ट्रेन है।
6- छह से शुरू होने वाले नंबर से पता चलता है कि वह मेमू ट्रेन है। बता दें कि मेमू ट्रेन इलेक्ट्रिकल होती हैं जो पैसेंजर की तरह छोटी दूरी पर चलाई जाती हैं।
7- यह रेलकार सर्विस डूएमयू के लिए होता है।
8- यह मौजूदा समय में आरक्षित स्थिति के बारे में बताता है।
9- यह मुंबई क्षेत्र की सब-अर्बन ट्रेन के बारे में बताता है।
ये गणित है पहले नंबर की दूसरे नंबर की बात करें तो ट्रेन नंबर के पहले नंबर के बाद के डिजिट का मतलब उसके पहले डिजिट के हिसाब से ही तय होता है। किसी ट्रेन के पहले डिजिट में 0, 1 और 2 से शुरू हो तो बाकि के चार डिजिट रेलवे जोन और डिवीज़न को बतलाते हैं। आपको बताते हैं कसी जोन को क्या नंबर मिला है।
0- कोंकण रेलवे
1- सेंट्रन रेलवे, वेस्ट-सेंट्रन रेलवे, नार्थ-सेंट्रन रेलवे।
2- सुपरफास्ट, शताब्दी, जन शताब्दी को दर्शाता है। इन ट्रेन के अगले डिजिट जोन कोड को दर्शाते हैं।
3- ईस्टर्न रेलवे और ईस्ट सेंट्रल रेलवे।
4- नॉर्थ रेलवे, नॉर्थ-सेंट्रल, नॉर्थ-वेस्टर्न रेलवे।
5- नेशनल ईस्टर्न रेलवे, नॉर्थ-ईस्ट फ्रंटियर रेलवे।
6- साउथर्न रेलवे और साउथर्न-वेस्टर्न रेलवे।
7- साउथर्न सेंट्रन रेलवे और साउथर्न-वेस्टर्न रेलवे।
8- साउथर्न ईस्टर्न रेलवे और ईस्ट कोस्टल रेलवे।
9- वेस्टर्न रेलवे, नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे और वेस्टर्न सेंट्रल रेलवे।