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अटल बिहारी लंबे समय से बीमार थे, जिसके बाद उन्हें अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संसस्न यानि एम्स में भर्ती किया गया और यहां भी उनका लंबा इलाज चला। अटल बिहार वाजपेयी डायबिटीज, किडनी की समस्या और डिमेंशिया ( dementia ) के शिकार थे। सबसे पहले बात डायबिटीज की। डायबिटीज सामान्य सी लगने वाली एक गंभीर बीमारी है, जिसमें रक्त में शर्करा की मात्रा बढ़ जाती है और इसका स्तर ज्यादा बढ़ जाने पर यह समस्या किडनी को बुरी तरह प्रभावित कर सकती है। वहीं डायबिटीज का बढ़ना, किडनी को क्षतिग्रस्त कर देता है। अटल बिहारी वाजपेयी की हाल बिगड़ने का एक बड़ा कारण यह भी है, क्योंकि उनकी मात्र एक किडनी ही ठीक तरह से काम कर रही थी। साथ ही डॉक्टर्स ने उनके गुर्दे की नली में संक्रमण की बात भी कही।
अटल बिहारी वाजपेयी डिमेंशिया की समस्या से सबसे ज्यादा ग्रसित थे। डिमेंशिया वह अवस्था है जिसमें इंसान की याददाश्त बेहद कमजोर हो जाती है, जिससे वह रोजमर्रा के कामकाज भी करने में कई बार असमर्थ हो जाता है। यह मस्तिष्क को सबसे ज्यादा क्षति पहुंचाती है। डिमेंशिया में याददाशत कमजोर होती है और लोगों को पहचानने में खासी दिक्कत होती है। साथ ही बातचीत करने में परेशानी, खाने-पीने में दिक्कत, चलने-फिरने में समस्या समेत कुछ सोच-विचार नहीं कर पाने में परेशानी होती है। अटल बिहारी वाजपेयी को इन सब बीमारियों का सामना करना पड़ा था, लेकिन वो जिंदगी की जंग हार गए थे।