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घरेलू और प्राकृतिक उपचार

डायबिटीज के पेसेंट आटे में मिलाकर खाएं ये 3 चीजें, 150 से कम शुगर का वादा!

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5 days ago
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आजकल बढ़ते ब्लड शुगर से कई लोग परेशान हैं, जिसका मुख्य कारण गलत खानपान और अस्वास्थ्यकर जीवनशैली है। इसके साथ ही, कुछ लोगों में जेनेटिक कारणों से भी डायबिटीज की समस्या उत्पन्न हो रही है। यदि आप डायबिटीज से पीड़ित हैं, तो अपने आहार पर विशेष ध्यान देना आवश्यक है। रोजाना की रोटी में कुछ विशेष चीजें मिलाकर आप शुगर लेवल को नियंत्रित कर सकते हैं। आइए जानते हैं कि आटा गूंथते समय किन 3 चीजों को मिलाकर शुगर को नियंत्रित किया जा सकता है।
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Celery seeds : अजवाइन के बीज, जिन्हें आमतौर पर कैरम सीड्स कहा जाता है, स्वास्थ्य के लिए अत्यंत फायदेमंद होते हैं। यह विशेष रूप से शुगर लेवल को नियंत्रित करने में सहायक हो सकते हैं। अजवाइन के बीजों को हथेली में मसलकर आटे में मिलाने से बनी रोटियाँ स्वादिष्ट और पौष्टिक होती हैं। यह न केवल पाचन तंत्र को बेहतर बनाते हैं बल्कि गैस, अपच और पेट दर्द जैसी समस्याओं से भी राहत दिलाते हैं। इसके नियमित सेवन से संपूर्ण स्वास्थ्य में सुधार संभव है।
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डायबिटीज को नियंत्रित करने में मेथी के दाने (Fenugreek seeds) बेहद प्रभावी होते हैं। शुगर लेवल (Blood Sugar) को नियंत्रित करने के लिए आप मेथी के दानों को आटे में मिलाकर रोटियाँ बना सकते हैं। सलाद में कड़वी मेथी के दानों का उपयोग भी शुगर को काफी हद तक नियंत्रित करने में सहायक होता है। मेथी में मौजूद फाइबर शुगर के अवशोषण को धीमा करता है, जिससे शुगर लेवल को संतुलित रखने में मदद मिलती है। यह प्राकृतिक उपाय स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभदायक है।
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डायबिटीज रोगियों के लिए अलसी के बीज (Flax seeds) बहुत लाभकारी होते हैं। नियमित रूप से अपने आहार में अलसी को शामिल करने से शुगर लेवल को नियंत्रित रखा जा सकता है। अलसी के बीजों में उच्च मात्रा में फाइबर और ओमेगा-3 फैटी एसिड होते हैं, जो शुगर को मेंटेन करने में मदद करते हैं। इसके सेवन से न केवल शुगर लेवल नियंत्रित रहता है बल्कि संपूर्ण स्वास्थ्य में भी सुधार होता है। यह प्राकृतिक उपाय डायबिटीज प्रबंधन के लिए अत्यंत प्रभावी है।
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डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।
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