ऐसे किया है तैयार
कैसगेवी को मरीज की बोनमेरो स्टेम कोशिकाओं में दोषपूर्ण जीन को हटाने के काम के लिए डिज़ाइन किया गया है ताकि शरीर कार्यशील हीमोग्लोबिन का उत्पादन कर सके। ऐसा करने के लिए, स्टेम कोशिकाओं को बोनमेरो से बाहर निकाला जाता है, एक प्रयोगशाला में संपादित किया जाता है और फिर रोगी में वापस डाला जाता है जिसके बाद परिणाम जीवन भर रहने की संभावना होती है।
कैसगेवी को मरीज की बोनमेरो स्टेम कोशिकाओं में दोषपूर्ण जीन को हटाने के काम के लिए डिज़ाइन किया गया है ताकि शरीर कार्यशील हीमोग्लोबिन का उत्पादन कर सके। ऐसा करने के लिए, स्टेम कोशिकाओं को बोनमेरो से बाहर निकाला जाता है, एक प्रयोगशाला में संपादित किया जाता है और फिर रोगी में वापस डाला जाता है जिसके बाद परिणाम जीवन भर रहने की संभावना होती है।
घातक हैं दोनों बीमारियां
सिकल सेल रोग वाले लोगों में आनुवंशिक त्रुटि के कारण बहुत गंभीर दर्द, गंभीर और जीवन-घातक संक्रमण और एनीमिया हो सकता है। वहीं बीटा-थैलेसीमिया रोगियों में यह गंभीर एनीमिया का कारण बन सकता है। कैसगेवी दोनों ही रोगों में हीमोग्लोबिन उत्पादन को बहाल करने के लिए पाया गया है। इसके अध्ययन में काफी हद पॉजिटिव रिजल्ट नजर आए है और इन रोगियों को जीवन जीने की राह मिली है।
सिकल सेल रोग वाले लोगों में आनुवंशिक त्रुटि के कारण बहुत गंभीर दर्द, गंभीर और जीवन-घातक संक्रमण और एनीमिया हो सकता है। वहीं बीटा-थैलेसीमिया रोगियों में यह गंभीर एनीमिया का कारण बन सकता है। कैसगेवी दोनों ही रोगों में हीमोग्लोबिन उत्पादन को बहाल करने के लिए पाया गया है। इसके अध्ययन में काफी हद पॉजिटिव रिजल्ट नजर आए है और इन रोगियों को जीवन जीने की राह मिली है।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।