हर साल 20 मार्च को विश्व ओरल हेल्थ डे (World Oral Health Day) मनाया जाता है। इस साल का विषय है “एक खुशहाल मुंह, एक स्वस्थ शरीर”। “डॉ. निकिता, फोर्टिस हॉस्पिटल ग्रेटर नोएडा की डेंटल साइंस की सलाहकार का कहना है कि, “मुंह का स्वास्थ्य हमारे पूरे शरीर के लिए जरूरी है। यह सिर्फ खूबसूरत मुस्कान के लिए नहीं बल्कि खाने, बोलने और घुलने मिलने में भी अहम भूमिका निभाता है। ओरल हेल्थ (Oral health) का ध्यान न रखने से मसूड़ों में सूजन और दांतों में सड़न जैसी समस्या हो सकती है। इतना ही नहीं इससे दिल की बीमारी और डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा भी बढ़ सकता है।”
डॉक्टरों का कहना है कि मीठे पेय पदार्थ, तंबाकू और शराब का सेवन कम से कम करें। “डॉ. रागिनी सेहगल सेठी, मेदांता हॉस्पिटल लखनऊ की डेंटल साइंस की सीनियर कंसल्टेंट का कहना है कि मुंह हमारे पाचन और श्वसन तंत्र का प्रवेश द्वार है। प्रॉपर ओरल हाइजीन (Oral hygiene) के बिना बैक्टीरिया का स्तर इतना बढ़ सकता है कि इससे दांतों में सड़न और मसूड़ों में सूजन जैसी समस्या हो सकती है।”
उन्होंने बताया कि खराब ओरल हेल्थ (Oral health) की वजह से खाने की चीजों को ठीक से चबाने में दिक्कत हो सकती है, जिससे वजन कम होना, पेट की खराबी, बोलने में परेशानी और आत्मसम्मान कम होना जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
हाल के अध्ययनों में मसूड़ों के संक्रमण, खासकर पेरियोडोंटाइटिस को दिल की बीमारी, निमोनिया, गर्भावस्था और जन्म के समय होने वाली समस्याओं जैसी बीमारियों से भी जोड़ा गया है। इसके अलावा, डायबिटीज, ऑस्टियोपोरोसिस, एचआईवी/एड्स, अल्जाइमर रोग, खाने के विकार, रुमेटीइड आर्थराइटिस, कैंसर और रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होना जैसी बीमारियां भी ओरल हेल्थ (Oral health) को प्रभावित कर सकती हैं।
अच्छे ओरल हेल्थ (Oral health) के लिए दिन में कम से कम दो बार फ्लोराइड टूथपेस्ट से ब्रश करना, रोजाना फ्लॉस करना और नियमित रूप से चेक-अप और सफाई के लिए डॉक्टर के पास जाना जरूरी है।
(IANS)
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