नींद कम होने से क्या हो सकती है दिक्कत-problem due to lack of sleep
अच्छी नींद की कमी बच्चों के मेंटल और फिजिकल दोनों ही हेल्थ के लिए सही नहीं है। बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास नींद में तेजी से होता है। वहीं, बड़ों के लिए भी नींद एक रिपेयरिंग थेरेपी है। नींद कम होने से परफॉर्मेंस में कमी, चिढ़चिढ़ापन, मूड स्विंग्स, डिप्रेशन, सिर में दर्द, दिमगा सुस्त होना आदि समस्याएं होती हैं और लांग टर्म पर ये मोटापे और डायबिटीज का कारण भी बनती हैं।
अच्छी नींद की कमी बच्चों के मेंटल और फिजिकल दोनों ही हेल्थ के लिए सही नहीं है। बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास नींद में तेजी से होता है। वहीं, बड़ों के लिए भी नींद एक रिपेयरिंग थेरेपी है। नींद कम होने से परफॉर्मेंस में कमी, चिढ़चिढ़ापन, मूड स्विंग्स, डिप्रेशन, सिर में दर्द, दिमगा सुस्त होना आदि समस्याएं होती हैं और लांग टर्म पर ये मोटापे और डायबिटीज का कारण भी बनती हैं।
उम्र के अनुसार जानें, कितने घंटे सोना है जरूरी-Know how much sleep according to age उम्र के अनुसार सोना दवा की तरह शरीर पर काम करता है। सोते समय शरीर शारीरिक और मानसिक टूट-फूट को रिपयेर करता है। तो चलिए जानें कि उम्र के अनुसार कितने घंटे सोना चाहिए।
1. नवजात शिशु जो 1-2 साल के हैं उन्हें रोज कम से कम 11 से 14 घंटे की नींद लेना चाहिए। 2. 3-5 साल के बच्चों को करीब 10 से 13 घंटे सोना चाहिए।
3. 6-13 साल के बच्चों को रोज करीब 9 से 11घंटे की नींद जरूरी है। 4. 14-17 साल वालों को करीब 8 से 10 घंटे की नींद जरूरी है। 5. 18-60 तक की उम्र वालों के लिए 7 से 9 घंटे की नींद जरूरी है।
6. 60 साल से ऊपर की उम्र वालों के लिए 6 से 7 घंटे की नींद पर्याप्त है। जाने अधिक सोने के नुकसान-disadvantages of more sleep
अगर आप अपनी उम्र से ज्यादा की नींद ले रहे तो आप डायबिटीज, मोटापा, हाई कोलेस्ट्रॉल, बीपी, डिप्रेशन और पीठ या कमर दर्द के शिकार हो सकते हैं। फिजिकल एक्टिविटी कम होने के कारण आस्टियोऑिर्थराइटिस का भी खतरा रहता है। अमेरिकन एकेडमी ऑफ स्लीप मेडिसिन में छपी स्टडी की मानें तो अधिक नींद लेने से दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
अगर आप अपनी उम्र से ज्यादा की नींद ले रहे तो आप डायबिटीज, मोटापा, हाई कोलेस्ट्रॉल, बीपी, डिप्रेशन और पीठ या कमर दर्द के शिकार हो सकते हैं। फिजिकल एक्टिविटी कम होने के कारण आस्टियोऑिर्थराइटिस का भी खतरा रहता है। अमेरिकन एकेडमी ऑफ स्लीप मेडिसिन में छपी स्टडी की मानें तो अधिक नींद लेने से दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
डिस्क्लेमर- आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए दिए गए हैं और इसे आजमाने से पहले किसी पेशेवर चिकित्सक सलाह जरूर लें। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने, एक्सरसाइज करने या डाइट में बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।