इतना ही नहीं कैंसर से बचाव के लिए भी ओट्स का प्रयोग किया जा सकता है। इसके प्रयोग से हृदय रोग होने का खतरा भी कम होता है क्योंकि यह हृदय की धमनियों में वसा को जमने से रोकता है। शरीर में गर्मी बढ़ने के कारण होने वाली समस्याओं जैसे चक्कर आना, दिल घबराना जैसी समस्याओं में ओट्स फायदेमंद है, क्योंकि इसकी प्रकृति ठंडी होती है। रूखी त्वचा या एक्जिमा जैसी तकलीफ में भी ओट्स सहायक होता है। ओटमील बाथ लेने से त्वचा की जलन समाप्त होती है और रूखापन भी खत्म हो जाता है। ओट्स को दूध में मिलाकर बनाए गए स्क्रब का प्रयोग करने से त्वचा की चमक बढ़ जाती है, और त्वचा लंबे संमय तक जवां और खूबसूरत दिखाई देती है।
वज़न काम करने में सहायक
वहीँ बढ़ते वजन को कम करने के लिए लोग क्या कुछ नहीं करते हैं। जिम में घंटों पसीना बहाने के साथ लंबी-लंबी वॉक और डाइटिंग के स्ट्रीक रूल्स को फॉलो करना सब रूटीन में शामिल रहता है। आप भी अगर अपना वजन कम करने के लिए ये सब कुछ करके थक चुके हैं और कोई फायदा नहीं मिल रहा है तो अपने नाश्ते में हेल्दी ओट्स को शामिल करें। आपको बता दें, कि ये ओट्स सीधा बनाकर नहीं खाने हैं। वजन कम करने के लिए इन ओट्स को पहले रातभर भिगोकर रखा जाता है। भीगे हुए ओट्स खाने से तेजी से वजन कम होने के साथ कोलेस्ट्रॉल लेवल भी घटता है। नाश्ते में भिगोकर बनाएं गए ओट्स में न्यूट्रिएंट्स (पोषक तत्व) सीधा पकाए हुए ओट्स की तुलना में अधिक होते हैं। आइए जानते हैं सेहत के लिए कैसे फायदेमंद हैं ओट्स और वजन कम करने के लिए कैसे इन्हें बनाएं।
वहीँ बढ़ते वजन को कम करने के लिए लोग क्या कुछ नहीं करते हैं। जिम में घंटों पसीना बहाने के साथ लंबी-लंबी वॉक और डाइटिंग के स्ट्रीक रूल्स को फॉलो करना सब रूटीन में शामिल रहता है। आप भी अगर अपना वजन कम करने के लिए ये सब कुछ करके थक चुके हैं और कोई फायदा नहीं मिल रहा है तो अपने नाश्ते में हेल्दी ओट्स को शामिल करें। आपको बता दें, कि ये ओट्स सीधा बनाकर नहीं खाने हैं। वजन कम करने के लिए इन ओट्स को पहले रातभर भिगोकर रखा जाता है। भीगे हुए ओट्स खाने से तेजी से वजन कम होने के साथ कोलेस्ट्रॉल लेवल भी घटता है। नाश्ते में भिगोकर बनाएं गए ओट्स में न्यूट्रिएंट्स (पोषक तत्व) सीधा पकाए हुए ओट्स की तुलना में अधिक होते हैं। आइए जानते हैं सेहत के लिए कैसे फायदेमंद हैं ओट्स और वजन कम करने के लिए कैसे इन्हें बनाएं।
कैसे बनाएं-
भिगे हुए ओट्स बनाना बेहद आसान है। ओट्स बनाने के लिए आप रातभर उन्हें दूध, पानी, अलमंड मिल्क, कोकोनट मिल्क, दही जैसी किसी भी एक चीज में भिगा कर रख दें। सुबह तक ओट्स फूल जाएंगे। इसके बाद इस ओट्स में अपने मनपसंद फल (केला, अंगूर, अनार, पाइन एप्पल, कीवी, संतरा, बेरीज, स्ट्रॉबेरी) और नट्स (काजू, बादाम, पिस्ता, किशमिश, गरी, मखाना, अखरोट आदि) काटकर डाल दें। आपके ओट्स तैयार हैं। वजन कम करने के लिए आप रोजाना इनका सेवन करें।
भिगे हुए ओट्स बनाना बेहद आसान है। ओट्स बनाने के लिए आप रातभर उन्हें दूध, पानी, अलमंड मिल्क, कोकोनट मिल्क, दही जैसी किसी भी एक चीज में भिगा कर रख दें। सुबह तक ओट्स फूल जाएंगे। इसके बाद इस ओट्स में अपने मनपसंद फल (केला, अंगूर, अनार, पाइन एप्पल, कीवी, संतरा, बेरीज, स्ट्रॉबेरी) और नट्स (काजू, बादाम, पिस्ता, किशमिश, गरी, मखाना, अखरोट आदि) काटकर डाल दें। आपके ओट्स तैयार हैं। वजन कम करने के लिए आप रोजाना इनका सेवन करें।
सेहत के लिए रामबाण-
आंच में पकाने से खाद्य पदार्थ के कई पोषक तत्व मर जाते हैं। लेकिन रात भर भीगे हुए ओट्स सुबह तक इतने मुलायम हो जाते हैं कि इन्हें खाया जा सके। लंबे समय तक भीगे रहने के कारण ओट्स में मौजूद सटार्च टूट जाते हैं, जिससे ओट्स में साइटिक एसिड कम हो जाता है। जो आसानी से पचने में मदद करता है। रात में भिगाकर बनाए गए ओट्स का सेवन करने से व्यक्ति का वजन तेजी से इसलिए कम होता है क्योंकि ये ओट्स आंच में पकाए गए ओट्स के मुकाबले ज्यादा सुपाच्य और फाइबरयुक्त होते हैं। इन ओट्स में फाइबर ज्यादा होने की वजह से व्यक्ति का पेट देर तक भरा हुआ रहता है। इसके अलावा इस तरह खाए गए ओट्स आंतों की गंदगी साफ करके शरीर की ज्यादा चर्बी घटा सकते हैं।
आंच में पकाने से खाद्य पदार्थ के कई पोषक तत्व मर जाते हैं। लेकिन रात भर भीगे हुए ओट्स सुबह तक इतने मुलायम हो जाते हैं कि इन्हें खाया जा सके। लंबे समय तक भीगे रहने के कारण ओट्स में मौजूद सटार्च टूट जाते हैं, जिससे ओट्स में साइटिक एसिड कम हो जाता है। जो आसानी से पचने में मदद करता है। रात में भिगाकर बनाए गए ओट्स का सेवन करने से व्यक्ति का वजन तेजी से इसलिए कम होता है क्योंकि ये ओट्स आंच में पकाए गए ओट्स के मुकाबले ज्यादा सुपाच्य और फाइबरयुक्त होते हैं। इन ओट्स में फाइबर ज्यादा होने की वजह से व्यक्ति का पेट देर तक भरा हुआ रहता है। इसके अलावा इस तरह खाए गए ओट्स आंतों की गंदगी साफ करके शरीर की ज्यादा चर्बी घटा सकते हैं।
ओट्स का इतिहास
ओट्स रोमन लोगों के लिए एक निम्न स्तर का लेकिन पौष्टिक भोजन था, जिन्होंने “ओट-ईटिंग बर्बर”, या उन इलाकों की जर्मेनिक जनजातियों पर धावा बोला, जिन्होंने अंततः पश्चिम रोमन साम्राज्य को पछाड़ दिया। लेकिन क्या आप जानते हैं की रोम कभी स्कॉट्स को जीतने में सक्षम नहीं थे क्यूंकि वे रोमन से भी बड़े ओटस खाने वाले थे। पोषण विशेषज्ञ कहते हैं की ओट्स यूरोप में लगभग 3,000 साल पहले उत्पादित होने वाले प्रमुख अनाज अनाज में से आखिरी थे, और जाहिरा तौर पर खरपतवार के रूप में उत्पन्न हुए थे जो विभिन्न अन्य फसलों के खेती वाले खेतों के भीतर बढ़े थे। इस कारण लोग जई को गंगू या अन्य फसल की तुलना में काम पसंद करते थे. लेकिन ओट्स यानी जई प्राकृतिक वसा और अनाज में मौजूद वसा घुलने वाले एंजाइम की उपस्थिति के कारण बहुत जल्दी गल जाते हैं।
ओट्स रोमन लोगों के लिए एक निम्न स्तर का लेकिन पौष्टिक भोजन था, जिन्होंने “ओट-ईटिंग बर्बर”, या उन इलाकों की जर्मेनिक जनजातियों पर धावा बोला, जिन्होंने अंततः पश्चिम रोमन साम्राज्य को पछाड़ दिया। लेकिन क्या आप जानते हैं की रोम कभी स्कॉट्स को जीतने में सक्षम नहीं थे क्यूंकि वे रोमन से भी बड़े ओटस खाने वाले थे। पोषण विशेषज्ञ कहते हैं की ओट्स यूरोप में लगभग 3,000 साल पहले उत्पादित होने वाले प्रमुख अनाज अनाज में से आखिरी थे, और जाहिरा तौर पर खरपतवार के रूप में उत्पन्न हुए थे जो विभिन्न अन्य फसलों के खेती वाले खेतों के भीतर बढ़े थे। इस कारण लोग जई को गंगू या अन्य फसल की तुलना में काम पसंद करते थे. लेकिन ओट्स यानी जई प्राकृतिक वसा और अनाज में मौजूद वसा घुलने वाले एंजाइम की उपस्थिति के कारण बहुत जल्दी गल जाते हैं।
ओट्स में वसा 21% संतृप्त, 37% मोनोअनसैचुरेटेड और 43% पॉलीअनसेचुरेटेड के लिपिड टूटने के साथ अपेक्षाकृत स्वस्थ हैं। यूनानियों और रोमियों ने जई को गेहूं के रोगग्रस्त संस्करण से ज्यादा कुछ नहीं माना। आज भी, वाणिज्यिक रूप से उगाए गए 5% से भी कम ओटस मानव उपभोग के लिए हैं। जई का मुख्य मूल्य विशेष रूप से घोड़ों के लिए एक चारागाह और घास की फसल के रूप में रहता है। हजारों साल बाद और कई साम्राज्यों के बाद भी, अधिकांश लोग अभी भी पकड़े नहीं गए हैं।