स्वास्थ्य

National Nutrition Week 2021: बच्चे पौष्टिक खाना और उगाना सीखेंगे, किचन गार्डन से जोड़ें

National Nutrition Week 2021: राष्ट्रीय पोषण सप्ताह

Sep 06, 2021 / 06:07 pm

Deovrat Singh

National Nutrition Week 2021 पौष्टिक आहार तक पहुंचने के लिए कृषि एक प्रभावी तरीका हो सकता है। देश ने हरित क्रांति सेे गेहूं और चावल उगाने पर ध्यान केंद्रित किया। इसके कारण मिलेट्स की खपत में कमी आई। वर्तमान में विशेषज्ञ मिलेट्स के फायदों के प्रति जागरूक कर रहे हैं। वर्ष 2019 में मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में पोषण उद्यान विकसित करने संबंधी दिशा-निर्देश जारी किए थे। इसका उद्देश्य पौष्टिक खाद्य पदार्थ तक पहुंच बढ़ाकर बच्चों में कुपोषण रोका जाना है।
मिलेट्स के प्रकार
अपने आहार में मिलेट्स (छोटे और मोटे दाने) को शामिल करके कई तरह के स्वास्थ्य लाभ लिए जा सकते हैं।
ज्वार
बाजरा
रागी
कुटकी
कोद्रव या कोदो
बार्नयार्ड मिलेट (सांवा और सामा)
फॉक्सटेल मिलेट (कंगनी)
प्रोसो मिलेट (चेना बाजरा)
एक्सपर्ट कमेंट
हम जो भी कुछ खाते हैं, उसकी पौष्टिकता देखी जा सकती है। हालांकि हम जानते हैं कि यह शारीरिक गतिविधि के स्तर, जीवनशैली और रोगों की प्रोफाइल पर निर्भर करती है, इन पहलुओं से निपटना होगा।
डॉ. पुलकित
माथुर एसोसिएट प्रोफेसर और प्रमुख, खाद्य और पोषण विभाग, लेडी इरविन कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय

मिलेट्स के स्वास्थ्य लाभ
मिलेट्स स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी होते हैं। इनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है। इन्हें आहार में शामिल करके कई तरह के माइक्रोन्यूट्रिएंट की पूर्ति भी की जा सकती है। इसलिए अलग-अलग व्यजंनों को रूप में इन्हें डाइट में शामिल किया जा सकता है। जानते हैं स्वास्थ्य लाभ-
हृदय का स्वास्थ्य बढ़ाने में मिलेट्स बहुत फायदेमंद हो सकते हैं।
मोटापा जैसे समस्या को दूर किया जा सकता है।
रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।
कब्ज की समस्या नहीं होगी।
इनसे एंटीऑक्सीडेंटस भी मिलेंगे।

पोषण और कृषि को जोडऩे के 3 प्रयास
1. अपने आहार में बाजरा व अन्य मिलेट्स शामिल करें।
2. ताजा, मौसमी उपज खरीदने के लिए अपने क्षेत्र में स्थानीय कृषि समूहों या सहकारी समितियों से जुड़ें।
3. पोषण उद्यान शुरू करने के लिए अपने स्कूलों/अपने बच्चे के स्कूल को प्रोत्साहित करें।
क्या आप जानते हैं?
जैविक खाद्य पदार्थ वे हैं, जो समग्र कृषि पद्धतियों से उत्पादित किए जाते हैं। यह खेती पूरी तरह से रसायनमुक्त होती है और इसमें जैव विविधता पर ध्यान दिया जाता है। जैविक खाद्य पदार्थों का प्रमाणन विभिन्न प्रमाणन निकाय करते हैं।
सिक्किम को भारत का पहला पूर्ण जैविक राज्य घोषित किया गया है। इसकी समस्त कृषि योग्य भूमि को जैविक कृषि प्रमाणीकरण मिल चुका है।
मध्य प्रदेश में जैविक खेती के तहत कृषि भूमि का सबसे बड़ा रकबा है, इसके बाद राजस्थान और महाराष्ट्र का स्थान आता है। इन तीन राज्यों का कुल जैविक कृषि का क्षेत्रफल भारत के कुल जैविक कृषि क्षेत्रफल का लगभग आधा है।
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