ब्लड सर्कुलेशन को बनाए रखने में मददगार मुल्तानी मिट्टी की मदद से आप अपने ब्लड सर्कुलेशन को नियंत्रित कर सकते हैं। इसके लिए आप मुल्तानी मिट्टी में पानी या गुलाब जल डालकर पेस्ट तैयार कर लें और इस पेस्ट को शरीर के अलग-अलग हिस्सों पर लगाएं। जब ये सूख जाए तो इसे गीले तौलिया से अच्छी तरह पोंछ लें। ऐसा करने से शरीर का ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है।
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पेट जलन और एसिडिटी से दिलाए छुटकारा यह बात हम सब जानते हैं कि मुल्तानी मिट्टी से तैयार किया गया पेस्ट बहुत ठंडी होती है। यह आपको पेट की जलन और एसिडिटी जैसी समस्या को दूर करने में मदद करता है। आप इसके लिए मुल्तानी मिट्टी को किसी बर्तन में लगभग 4 से 5 घंटे के लिए पानी में भिगो दें। अब इस मिट्टी से पेस्ट तैयार कर लें। उसके बाद उस पेस्ट को अपने पेट पर अच्छी तरह से लगा लें और एक गिले कपड़े से उसे बांध लें। करीब 15-20 मिनट तक इसे रहने दें उसके बाद बाद ठंडे पानी से अपने पेट को धो लें। इससे आपको पेट दर्द से तुरंत छुटकारा मिल सकता है। जोड़ों और मांसपेशियों के दर्द से दिलाए आराम जोड़ों और मांसपेशियों के दर्द में मुल्तानी मिट्टी काफी कारगर साबित होती है। यदि दर्द वाली जगह पर मुल्तानी मिट्टी से सिकाई की जाए तो इससे सूजन, अकड़न, जोड़ों या मांसपेशियों में दर्द आदि की समस्या में काफी आराम मिलता है। अगर आप जोड़ों में बहुत अधिक दर्द महसूस कर रहे हो तो मुल्तानी मिट्टी को गर्म कर इससे सिंकाई करें। इसके लिए गर्म पानी में मुल्तानी मिट्टी को डाल दें, हल्का ठंडा जाने के बाद इसकी पेस्ट बना लें। उसके बाद मिट्टी को एक कपड़े में अच्छी तरह बांध कर दर्द वाली जगहों पर उससे सेंके। इस प्रक्रिया को 15 से 20 मिनट करें आपको जोड़ों के दर्द से जरुर राहत मिलेगा।