अध्ययन में नॉर्वे, स्वीडन और अमरीका में 11,989 प्रतिभागियों के डेटा का विश्लेषण शामिल था। शोध में भाग लेने वाले पार्टिसिपेंट्स की आयु 50 या फिर इससे अधिक थी। इस संबंध में न्यूयॉर्क के हॉस्पिटल फॉर स्पेशल सर्जरी के आर्थोपेडिक सर्जन डॉ. कार्ल सिरिनो का कहना है कि आज हम सभी व्यस्त जीवन जी रहे हैं। घरों से बाहर निकलना नहीं चाहते, विलासिताएं इस तरह से हम पर हावी हो गई हैं, कि शारीरिक मेहनत से जी चुराने लगे हैं। वे कहते हैं कि बाहर निकलें और उतने ही सक्रिय रहें जितने हम सैकड़ों साल पहले हुआ करते थे।
इस शोध में हिप एक्सेलेरोमीटर के जरिए डेटा इकट्ठा किया गया था, ताकि यह पता लगाया जा सके कि लोग कब सक्रिय थे। शोधकर्ताओं ने पाया कि जो लोग प्रतिदिन 12 या अधिक घंटों तक गतिहीन रहते थे, उनके लिए भी यदि 22 मिनट की सीमा पूरी हो जाती है, तो संबंधित मृत्यु जोखिम समाप्त हो जाता है।
शोध में पाया गया कि लम्बा जीने के लिए 22 मिनट की एक्सरसाइज बेहद जरूरी है। उदाहरण के लिए, जो लोग 10 मिनट की एक्सराइज करते हैं, जो प्रतिदिन छह घंटे तक गतिहीन रहते हैं, उनमें अभी भी मृत्यु दर के जोखिम में 32% की गिरावट देखी गई है।