– एंटीबायोटिक दुरुपयोग से एंटीबायोटिक प्रतिरोधकता (Antibiotic resistance) बढ़ती है, जिससे इलाज मुश्किल हो जाता है।
– इससे स्वास्थ्य खर्च बढ़ता है और एंटीबायोटिक की प्रभावशीलता कम हो जाती है।
– कृषि में भी इसका गलत इस्तेमाल खतरनाक रोगाणुओं को फैलाता है।
– एंटीबायोटिक दुरुपयोग से किडनी, लीवर और नर्वस सिस्टम को नुकसान पहुंचता है।
– भारत में बिना डॉक्टरी पर्चे के एंटीबायोटिक मिलना आम है, इससे उनका दुरुपयोग बढ़ता है।
– डॉक्टरों ने सलाह दी है कि एंटीबायोटिक हमेशा डॉक्टर की सलाह पर ही लें और पूरा कोर्स पूरा करें।
– कुछ एंटीबायोटिक, जैसे अमिकासिन या जेंटामाइसिन, गलत इस्तेमाल से किडनी को सीधे नुकसान पहुंचा सकती हैं।
– पेनिसिलिन ग्रुप की एंटीबायोटिक कुछ लोगों में किडनी में असामान्य प्रतिक्रिया पैदा कर सकती हैं।
एंटीबायोटिक दुरुपयोग से बचाव के उपाय
– इससे स्वास्थ्य खर्च बढ़ता है और एंटीबायोटिक की प्रभावशीलता कम हो जाती है।
– कृषि में भी इसका गलत इस्तेमाल खतरनाक रोगाणुओं को फैलाता है।
– एंटीबायोटिक दुरुपयोग से किडनी, लीवर और नर्वस सिस्टम को नुकसान पहुंचता है।
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– भारत में बिना डॉक्टरी पर्चे के एंटीबायोटिक मिलना आम है, इससे उनका दुरुपयोग बढ़ता है।
– डॉक्टरों ने सलाह दी है कि एंटीबायोटिक हमेशा डॉक्टर की सलाह पर ही लें और पूरा कोर्स पूरा करें।
– कुछ एंटीबायोटिक, जैसे अमिकासिन या जेंटामाइसिन, गलत इस्तेमाल से किडनी को सीधे नुकसान पहुंचा सकती हैं।
– पेनिसिलिन ग्रुप की एंटीबायोटिक कुछ लोगों में किडनी में असामान्य प्रतिक्रिया पैदा कर सकती हैं।
एंटीबायोटिक दुरुपयोग से बचाव के उपाय
– लोगों को एंटीबायोटिक के सही इस्तेमाल के बारे में जागरूक करना जरूरी है।
– एंटीमाइक्रोबियल स्टीवर्डशिप प्रोग्राम लागू करने चाहिए, ताकि एंटीबायोटिक का सही इस्तेमाल हो सके।
– बिना डॉक्टरी पर्चे के एंटीबायोटिक बेचने पर सख्त नियम लागू होने चाहिए।
– डॉक्टरों को भी एंटीबायोटिक केवल जरूरत पड़ने पर ही देनी चाहिए और सही खुराक और अवधि सुनिश्चित करनी चाहिए।
– नए एंटीबायोटिक विकसित करने पर शोध होना चाहिए।
सभी को मिलकर एंटीबायोटिक दुरुपयोग रोकना होगा स्वास्थ्यकर्मियों, नीति निर्माताओं, दवा कंपनियों और आम जनता के मिलकर काम करने से एंटीबायोटिक दुरुपयोग रोका जा सकता है। यह रणनीति अलग-अलग क्षेत्रों और स्वास्थ्य प्रणालियों की जरूरतों के हिसाब से तैयार की जानी चाहिए।
– एंटीमाइक्रोबियल स्टीवर्डशिप प्रोग्राम लागू करने चाहिए, ताकि एंटीबायोटिक का सही इस्तेमाल हो सके।
– बिना डॉक्टरी पर्चे के एंटीबायोटिक बेचने पर सख्त नियम लागू होने चाहिए।
– डॉक्टरों को भी एंटीबायोटिक केवल जरूरत पड़ने पर ही देनी चाहिए और सही खुराक और अवधि सुनिश्चित करनी चाहिए।
– नए एंटीबायोटिक विकसित करने पर शोध होना चाहिए।
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अपने किडनी का ख्याल रखें, एंटीबायोटिक का सही इस्तेमाल करें! नोट: यह लेख चिकित्सकीय सलाह नहीं है। किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए हमेशा डॉक्टर से सलाह लें।