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करीब 85 हजार लोगों पर किए गए शोध के अनुसार अगर आप रोज 2200 कैलोरी से ज्यादा लेते हैं तो किडनी में स्टोन बनने का खतरा 42 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। किडनी को इस दबाव से बचाने के लिए जरूरी है कि हम अपनी डाइट के साथ-साथ व्यायाम पर भी ध्यान दें और पर्याप्त मात्रा में पानी जरूर पिएं। यह भी पढ़ें
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पानी है जरूरी डाइटीशियन डॉ. अनामिका सेठी के अनुसार कैलोरी की अधिकता से बचने के लिए खाने से पहले पानी पिएं, खाने के फौरन बाद नहीं। रोजाना कम से कम 8-10 गिलास पानी जरूर पिएं वर्ना किडनी शरीर में बनने वाले विषैले पदार्थों को ठीक से बाहर निकाल नहीं पाती, धीरे-धीरे इन पदार्थांे का वहीं जमाव होने लगता है जिससे पथरी की समस्या हो सकती है।
किडनी स्टोन के प्रकार
किडनी स्टोन कई प्रकार के होते हैं जिसमें निम्न शामिल हो सकते हैं:- स्ट्रवाइट स्टोन
यह गुर्दे और यूरिनरी ट्रैक्ट में संक्रमण से पीड़ित महिलाओं में अधिकतर होता है। इस स्टोन का आकार बड़ा हो सकता है।
किडनी स्टोन कई प्रकार के होते हैं जिसमें निम्न शामिल हो सकते हैं:- स्ट्रवाइट स्टोन
यह गुर्दे और यूरिनरी ट्रैक्ट में संक्रमण से पीड़ित महिलाओं में अधिकतर होता है। इस स्टोन का आकार बड़ा हो सकता है।
कैल्शियम स्टोन
यह सबसे सामान्य प्रकार का किडनी स्टोन है। यह कैल्शियम ऑक्सलेट के कारण होता है। सिस्टीन स्टोन
यह बहुत ही कम मामलों में देखने को मिलता है। सिस्टीन शरीर में मौजूद एक प्रकार का एसिड है जो इस पथरी का कारण है।
यह सबसे सामान्य प्रकार का किडनी स्टोन है। यह कैल्शियम ऑक्सलेट के कारण होता है। सिस्टीन स्टोन
यह बहुत ही कम मामलों में देखने को मिलता है। सिस्टीन शरीर में मौजूद एक प्रकार का एसिड है जो इस पथरी का कारण है।
यूरिक एसिड स्टोन
गठिया से पीड़ित मरीजों में इस प्रकार का स्टोन देखा जाता है। मूत्र में यूरिक एसिड की मात्रा अधिक होने पर यूरिक एसिड स्टोन का निर्माण होता है। यह बहुत ही कम मामलों में देखने को मिलता है। सिस्टीन शरीर में मौजूद एक प्रकार का एसिड है जो इस पथरी का कारण है।
गठिया से पीड़ित मरीजों में इस प्रकार का स्टोन देखा जाता है। मूत्र में यूरिक एसिड की मात्रा अधिक होने पर यूरिक एसिड स्टोन का निर्माण होता है। यह बहुत ही कम मामलों में देखने को मिलता है। सिस्टीन शरीर में मौजूद एक प्रकार का एसिड है जो इस पथरी का कारण है।
यूरिक एसिड स्टोन
गठिया से पीड़ित मरीजों में इस प्रकार का स्टोन देखा जाता है। मूत्र में यूरिक एसिड की मात्रा अधिक होने पर यूरिक एसिड स्टोन का निर्माण होता है।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।
गठिया से पीड़ित मरीजों में इस प्रकार का स्टोन देखा जाता है। मूत्र में यूरिक एसिड की मात्रा अधिक होने पर यूरिक एसिड स्टोन का निर्माण होता है।
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