क्या है ब्रेन ट्यूमर? What is brain tumor?
इसमें असामान्य कोशिकाओं के समूह होते हैं। कुछ ब्रेन ट्यूमर का विकास बहुत तेजी से होता है, तो कुछ बहुत धीरे-धीरे बढ़ते हैं। जब ब्रेन में ट्यूमर का विकास अधिक हो जाता है तो स्कैल्प के अंदर दबाव बढ़ने की संभावना भी बढ़ जाती है। ऐसी स्थिति आपके ब्रेन और स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकती है और ये घातक भी हो सकती है।ब्रेन ट्यूमर के कारण तथा लक्षण – Causes and symptoms of brain tumor
नारायणा हॉस्पिटल, जयपुर के न्यूरो सर्जरी के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. केके बंसल ने बताया की हमारे हॉस्पिटल में पिछले एक दशक में 800 से ज्यादा ब्रेन ट्यूमर के मरीजों का सफल इलाज किया गया है। नारायणा हॉस्पिटल में ब्रेन ट्यूमर के इलाज के लिए सभी प्रकार की अत्याधुनिक सुविधाएं व विशेषज्ञ उपलब्ध हैं। ब्रेन ट्यूमर मुख्य रूप से जब कोई व्यक्ति आयोनाइजिंग रेडिएशन के संपर्क में आता है तो ब्रेन ट्यूमर का खतरा बढ़ सकता है। ज्यादातर कैंसर थेरेपी के दौरान व्यक्ति इस रेडिएशन के संपर्क में आते हैं। इसके अलावा यदि आपके परिवार में इस बीमारी का इतिहास रहा है तो आपको भी ब्रेन ट्यूमर की बीमारी होने की संयह भी पढ़े – अगर दिख रहे हैं ऐसे 3 लक्षण तो ये मस्तिष्क में ट्यूमर के खतरे का संकेत हैंभावना बढ़ जाती है। यह भी पढ़े – अगर दिख रहे हैं ऐसे 3 लक्षण तो ये मस्तिष्क में ट्यूमर के खतरे का संकेत हैं सामान्य लोगों की तुलना में एचआईवी एड्स से ग्रसित व्यक्तियों में ब्रेन ट्यूमर का खतरा ज्यादा होता है। बच्चों में यदि कैंसर की बीमारी होती है, तो उनमें भी आगे चलकर ब्रेन ट्यूमर का खतरा रहता है। साथ ही ल्यूकेमिया से ग्रसित व्यक्तियों में भी ब्रेन ट्यूमर के होने की संभावना अधिक रहती है। अगर ब्रेन ट्यूमर के लक्षणों की बात की जाए तो सिर में बार-बार दर्द होना, सिर दर्द धीरे-धीरे बढ़ना, नींद में कमी, दूर की दृष्टि कमजोर होना, सोचने समझने की क्षमता में कमी, याददाश्त में परिवर्तन, दैनिक गतिविधियों में बदलाव होना और धुंधली दृष्टि जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं। यदि समय रहते ब्रेन ट्यूमर के लक्षणों को न समझा जाए तो यह खतरनाक साबित हो सकता है।