अलास्का पॉक्स वायरस इंसानों में छोटे स्तनधारी जीवों के माध्यम से फैलता है, लेकिन इसका यह कि इंसान कैसे इससे संक्रमित होते हैं, अभी तक स्पष्ट नहीं है। 2021 तक की रिसर्च से इस बारे में पुष्टि नहीं हो पाई है। इस वायरस से प्रभावित एक और मरीज को हालात में संशय हो रहा है, लेकिन उसे इलाज की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि उसकी इम्यून सिस्टम मजबूत है। हालांकि, जिस इंसान की मौत हुई, उसकी इम्यूनिटी बेहद कमजोर थी। यह घटना वैज्ञानिकों के लिए एक संदेश है कि संक्रमणों के खिलाफ निवारण और रोकथाम में सतर्क रहना जरूरी है।
अलास्का राज्य के केनाई प्रायद्वीप में एक व्यक्ति की अलास्का पॉक्स से मौत का मामला सामने आया है। इस घटना के अनुसार, जनवरी के अंत में इस वायरस से प्रभावित एक बुजुर्ग व्यक्ति की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। यह अलास्का में इस बीमारी से हुई पहली मौत का मामला है, जिसने स्वास्थ्य अधिकारियों को चेताया है। इस घटना से पता चलता है कि संक्रमणों के खिलाफ सतर्क रहना और उपचार का समय पर आरंभ करना महत्वपूर्ण है।
– सिरदर्द
– मांसपेशियों में दर्द
– थकान
– त्वचा पर चकत्ते, जो आमतौर पर चेहरे और हाथों पर शुरू होते हैं और फिर शरीर के बाकी हिस्सों में फैल जाते हैं। चकत्ते लाल, उभरे हुए और खुजलीदार होते हैं।
अलास्का पॉक्स एक संक्रामक रोग है जो पॉक्स वायरस के कारण होता है। यह वायरस जंगली जानवरों, जैसे कि गिलहरी, खरगोश और लोमड़ी से मनुष्यों में फैलता है। अलास्का पॉक्स बहुत ही दुर्लभ रोग है, और यह आमतौर पर अलास्का और कनाडा के कुछ क्षेत्रों में ही पाया जाता है।
– मृत जानवरों को न छुएं।
– स्वच्छता रखें , जैसे कि बार-बार हाथ धोना। अलास्का पॉक्स एक गंभीर बीमारी हो सकती है, खासकर नवजात शिशुओं और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों में। यदि आपको लगता है कि आपको या आपके बच्चे को अलास्का पॉक्स हो सकता है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।