Home remedies to increase platelet levels :
प्लेटलेट्स रक्त के महत्वपूर्ण घटक होते हैं जो रक्तस्राव को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह रक्त में थक्के बनाकर रक्तस्राव को रोकते हैं। डेंगू और चिकनगुनिया (Dengue and Chikungunya) जैसी बीमारियों में प्लेटलेट्स (Platelets) कम होने की बात तो हम जानते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आम बुखार में भी प्लेटलेट्स कम हो सकते हैं?
•Feb 19, 2024 / 09:44 am•
Manoj Kumar
प्लेटलेट्स रक्त के महत्वपूर्ण घटक होते हैं जो रक्तस्राव को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह रक्त में थक्के बनाकर रक्तस्राव को रोकते हैं। डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों में प्लेटलेट्स (6 Signs of Low Platelets in Blood) कम होने की बात तो हम जानते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आम बुखार में भी प्लेटलेट्स (Platelets) कम हो सकते हैं?
प्लेटलेट्स (Platelets) का कम होना जानलेवा हो सकता है। प्लेटलेट्स कम होने से नाक, मसूड़ों, मल, योनि से खून बह सकता है। त्वचा पर लाल चकत्ते, थकान, कमजोरी, बुखार, पेट दर्द, सिरदर्द, भूख न लगना, उल्टी और दस्त भी प्लेटलेट्स कम होने के लक्षण हो सकते हैं।
आम बुखार में भी प्लेटलेट्स कम हो सकते हैं, इसलिए यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई दे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। डॉक्टर आपको प्लेटलेट्स (Platelets) काउंट टेस्ट करवाने की सलाह देंगे। यदि प्लेटलेट्स कम हैं तो डॉक्टर आपको उचित उपचार देंगे।
तो चलिए जानें कि किन चीजों को खाने से प्लेटलेट्स (Platelets) बढ़ता है और किन चीजी प्लेटलेट्स काउंट कम होने पर नहीं खाना चाहिए। साथ ही प्लेटलेट्स कम होने पर शरीर में क्या संकेत नजर आते हैं।
प्लेटलेट्स (Platelets) रक्त में मौजूद छोटे, रंगहीन कण होते हैं जो रक्तस्राव को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये रक्त में थक्के बनाकर घाव को भरने और रक्तस्राव को रोकने में मदद करते हैं।
जब भी शरीर पर चोट या कट लगता है, तो रक्त वाहिकाएं क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। इससे रक्त बहने लगता है। प्लेटलेट्स (Platelets) क्षतिग्रस्त रक्त वाहिकाओं से चिपक जाते हैं और एक दूसरे से जुड़कर थक्के बनाते हैं। ये थक्के रक्त वाहिकाओं को बंद कर देते हैं और रक्तस्राव को रोकते हैं।
प्लेटलेट्स (Platelets) का स्तर स्वस्थ व्यक्ति में 150,000 से 450,000 प्रति माइक्रोलिटर रक्त होता है। यदि प्लेटलेट्स का स्तर कम हो जाता है, तो रक्तस्राव को रोकना मुश्किल हो जाता है। इसके विपरीत, यदि प्लेटलेट्स का स्तर बहुत अधिक हो जाता है, तो रक्त के थक्के बनने की संभावना बढ़ जाती है, जो घातक हो सकता है।
प्लेटलेट्स (Platelets) का स्तर कई कारणों से कम हो सकता है, जैसे कि डेंगू, चिकनगुनिया, कैंसर, दवाएं, और आनुवंशिक रोग। प्लेटलेट्स का स्तर बढ़ने के कारणों में शामिल हैं कैंसर, संक्रमण, और सूजन।
प्लेटलेट्स (Platelets) रक्त में मौजूद छोटे, रंगहीन कण होते हैं जो रक्तस्राव को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यदि आपके शरीर में प्लेटलेट्स की संख्या कम हो जाती है, तो आपको थ्रोम्बोसाइटोपेनिया नामक बीमारी हो सकती है।
थ्रोम्बोसाइटोपेनिया एक ऐसी स्थिति है जिसमें रक्त में प्लेटलेट्स (Platelets) की संख्या कम हो जाती है। सामान्य प्लेटलेट्स काउंट 150,000 से 450,000 प्रति माइक्रोलिटर रक्त होता है। यदि प्लेटलेट्स का स्तर 150,000 से कम हो जाता है, तो आपको थ्रोम्बोसाइटोपेनिया माना जाता है।
नेशनल हार्ट, लंग और ब्लड इंस्टिट्यूट के मुताबिक, एडल्ट्स के खून में प्लेटलेट्स (Platelets) की रेंज 150,000 से 450,000 प्लेटलेट्स प्रति माइक्रोलीटर होती है। जब किसी व्यक्ति के खून में प्लेटलेट्स काउंट 150,000 प्रति माइक्रोलीटर से घट जाता है तो इसे लो प्लेटलेट्स कहा जाता है।
नाक से खून आना: नाक से खून बहना लो प्लेटलेट्स का एक आम लक्षण है। यह नाक के अंदर छोटी रक्त वाहिकाओं के टूटने के कारण होता है।
मसूड़ों से खून आना: मसूड़ों से खून बहना भी लो प्लेटलेट्स का एक आम लक्षण है। यह मसूड़ों में छोटी रक्त वाहिकाओं के टूटने के कारण होता है।
यूरिन में खून का आना: यदि आपके यूरिन में खून दिखाई देता है, तो यह लो प्लेटलेट्स का संकेत हो सकता है।
स्टूल में खून दिखना: यदि आपके स्टूल में खून दिखाई देता है, तो यह लो प्लेटलेट्स का संकेत हो सकता है।
पीरियड्स के दौरान बहुत ज्यादा ब्लीडिंग होना: यदि आपको पीरियड्स के दौरान बहुत ज्यादा ब्लीडिंग होती है, तो यह लो प्लेटलेट्स का संकेत हो सकता है।
स्किन पर नीले-भूरे रंग के धब्बे पड़ना: यदि आपकी त्वचा पर नीले-भूरे रंग के धब्बे पड़ते हैं, तो यह लो प्लेटलेट्स का संकेत हो सकता है।
प्लेटलेट्स का स्तर बढ़ाने के लिए कुछ घरेलू उपचार भी हैं, जैसे कि:
पपीते का पत्ता: पपीते के पत्ते में पपैन नामक एंजाइम होता है जो प्लेटलेट्स का स्तर बढ़ाने में मदद कर सकता है।
पालक: पालक में विटामिन K होता है जो रक्त के थक्के बनाने में मदद करता है।
अनार: अनार में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो प्लेटलेट्स को नुकसान से बचाने में मदद करते हैं।
चुकंदर: चुकंदर में आयरन होता है जो रक्त कोशिकाओं के निर्माण में मदद करता है।
इन घरेलू उपचारों का उपयोग करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें.
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