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स्वास्थ्य

Fake Drugs : बाजार में 25% दवाएं नकली, जानें कैसे करें पहचान

Fake Drugs : जांच में 53 दवाओं के सैंपल फेल होने की खबर आने के बाद आम लोगों के मन में डर बैठ गया है कि वे जो दवाएं ले रहे हैं कहीं वे नकली तो नहीं हैं।

जयपुरSep 27, 2024 / 12:12 pm

Manoj Kumar

25 percent Medicines in the Market Are Fake Learn How to Identify Them

Fake Drugs : भारत में नकली दवाओं का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। हाल ही में एक अध्ययन के अनुसार, देश में बिकने वाली करीब 25% दवाएं नकली (Fake Drugs) हैं। इसका मतलब है कि फर्जी कंपनियां, नामी ब्रांड्स के लेबल का इस्तेमाल कर, बाजार में नकली दवाओं की सप्लाई कर रही हैं।
सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (सीडीएससीओ) द्वारा किए गए परीक्षणों में 53 दवाओं के सैंपल फेल पाए गए। इनमें आमतौर पर इस्तेमाल होने वाली बुखार की दवा पैरासिटामोल, दर्द निवारक डिक्लोफेनेक, एंटीफंगल दवा फ्लुकोनाजोल, और विटामिन डी सप्लीमेंट जैसी दवाएं शामिल हैं।

नकली दवाओं की पहचान कैसे करें? How to identify fake Drugs?

लेबलिंग की जांच करें: नकली दवाओं (Fake Drugs) की पहचान में सबसे पहला कदम लेबलिंग की बारीकी से जांच करना है। नकली दवाओं के लेबल पर स्पेलिंग या व्याकरण में गलतियां हो सकती हैं।
पैकेजिंग का ध्यान दें: यदि आप पहले से किसी दवा का उपयोग कर रहे हैं, तो पुरानी और नई पैकेजिंग की तुलना करें। नकली दवाओं (Fake Drugs) में अक्सर पैकेजिंग में थोड़ी बहुत त्रुटि या अंतर हो सकता है।
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बारकोड और क्यूआर कोड का उपयोग करें: केंद्र सरकार ने अगस्त 2023 के बाद से टॉप 300 ब्रांडेड दवाओं की पैकेजिंग पर बारकोड या क्यूआर कोड अनिवार्य किया है। इसे स्कैन करने पर दवा की पूरी जानकारी मिलती है। नकली दवाओं (Fake Drugs) के कोड अक्सर स्कैन नहीं होते या गलत जानकारी देते हैं।
सीलिंग और पैकिंग: दवा खरीदते समय यह सुनिश्चित करें कि उसकी सीलिंग सही हो। नकली दवाओं (Fake Drugs) में अक्सर पैकेजिंग में कोई न कोई कमी हो सकती है।

    नकली दवाओं का बढ़ता बाजार The growing market for counterfeit drugs

    भारत में नकली दवाओं (Fake Drugs) का व्यापार बहुत तेजी से फैल रहा है। उद्योग संगठन एसोचैम की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में लगभग 4.25 अरब डॉलर की दवाएं नकली या सब-स्टैंडर्ड हैं। यही नहीं, नकली दवाओं का कारोबार 33% की द से हर साल बढ़ रहा है। 2020 में यह व्यापार 40 अरब रुपये तक पहुंच गया था।

    सरकारी अस्पतालों में नकली दवाओं की अधिकता Prevalence of fake medicines in government hospitals

    सरकारी अस्पतालों में नकली दवाओं (Fake Drugs) का प्रचलन भी एक गंभीर समस्या है। एक रिपोर्ट के अनुसार, सरकारी अस्पतालों में 38% दवाएं नकली पाई गईं। यह आम लोगों की सेहत के लिए बड़ा खतरा है।

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    खुद को सुरक्षित रखें

    दवाएं खरीदते समय हमेशा प्रतिष्ठित मेडिकल स्टोर से ही खरीदें और पैकेजिंग पर दिए गए सभी विवरणों को ध्यान से पढ़ें। नकली दवाओं की वजह से स्वास्थ्य पर गंभीर खतरे हो सकते हैं, इसलिए सतर्क रहना आवश्यक है।
    सरकार और संबंधित विभाग इस मुद्दे को हल करने के लिए कदम उठा रहे हैं, लेकिन हमें भी अपनी जागरूकता बढ़ानी होगी ताकि नकली दवाओं के जाल में न फंसें।

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