Sitting for 10 hours effects : अध्ययन का दायरा और परिणाम
8 साल का डेटा, 89,530 प्रतिभागियों की जांच यह शोध मैसाचुसेट्स जनरल अस्पताल और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों ने मिलकर किया। उन्होंने यूके बायो बैंक के 89,530 प्रतिभागियों की जीवनशैली और शारीरिक गतिविधियों का विश्लेषण किया। निष्कर्षों से यह सामने आया कि लंबे समय तक बैठने, लेटने या आराम करने से दिल का दौरा, हृदय रोग और हृदय से जुड़ी मौतों का खतरा बढ़ जाता है। मुख्य आंकड़े: जो लोग 10.6 घंटे (Sitting for 10 hours effects) या उससे अधिक समय तक बैठते हैं, उन्हें दिल की बीमारियों का खतरा 40% अधिक होता है।
हृदय संबंधी मृत्यु का खतरा 54% तक बढ़ जाता है।
यहां तक कि नियमित व्यायाम करने वाले लोगों को भी इस खतरे से पूरी तरह राहत नहीं मिलती।
हृदय संबंधी मृत्यु का खतरा 54% तक बढ़ जाता है।
यहां तक कि नियमित व्यायाम करने वाले लोगों को भी इस खतरे से पूरी तरह राहत नहीं मिलती।
शारीरिक गतिविधि की भूमिका
सक्रिय रहना है जरूरी, लेकिन यह पर्याप्त नहीं
अध्ययन के मुताबिक, सप्ताह में 150 मिनट की शारीरिक गतिविधि हृदय के लिए फायदेमंद होती है, लेकिन यह लंबे समय (Sitting for 10 hours effects) तक बैठने के दुष्प्रभाव को पूरी तरह खत्म नहीं कर पाती। जिन लोगों ने व्यायाम किया, उनके जोखिम कुछ हद तक कम हुए, लेकिन फिर भी वे पूरी तरह सुरक्षित नहीं थे।क्या करें: छोटे-छोटे बदलाव लाएं जीवन में
बैठने का समय कम करें
अपने रोज़मर्रा की गतिविधियों में थोड़े-थोड़े बदलाव करके आप अपने दिल को स्वस्थ रख सकते हैं: ब्रेक लें: हर घंटे कम से कम 5 मिनट खड़े होकर चलें।खड़े होकर काम करें: अगर संभव हो, तो स्टैंडिंग डेस्क का उपयोग करें।
घर के काम: नियमित रूप से छोटे-छोटे घरेलू कार्यों में समय बिताएं।
व्यायाम बढ़ाएं: सप्ताह में कम से कम 300 मिनट की शारीरिक गतिविधि करें।
शारीरिक और मानसिक सेहत दोनों का ख्याल रखें
लंबे समय तक बैठने की आदत सिर्फ आपके दिल को ही नहीं, बल्कि आपके मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करती है। हल्की-फुल्की गतिविधियों और ध्यान (मेडिटेशन) से आप खुद को बेहतर महसूस कर सकते हैं।