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हरदा

IIM इंदौर के नवीन कृष्ण राय ने अधिकारियों को दिए लीडरशिप के टिप्स

हरदा जिला पंचायत में हुआ ट्रेनिंग सेशन..सीईओ जिला पंचायत सहित अन्य अधिकारी रहे मौजूद…

हरदाFeb 07, 2023 / 06:22 pm

Shailendra Sharma

हरदा. आईआईएम इंदौर के नवीन कृष्ण राय ने हरदा जिला पंचायत सभागार में हुए एक ट्रेनिंग सेशन में जिले के अधिकारियों को लीडरशिप और टीम प्रबंधन के टिप्स दिए। इस दौरान नवीन कृष्ण राय ने बताया कि फ्लेक्सिबल लीडरशिप स्टाइल बेहतर मैनेजमेंट के लिए जरूरी है। इस सत्र का लक्ष्य अधिकारियों को नेतृत्व और मानव प्रबंधन के बारे में बताना और मनोविज्ञान, प्रबंधन और दर्शन के लेंस के माध्यम से पारस्परिक संबंधों की जटिलताओं को समझने में उनकी सहायता करना था। सत्र में विभिन्न सिद्धांतों और मॉडलों के माध्यम से एक टीम,विभाग या संगठन के अंदर और बाहर के सदस्यों के प्रबंधन के तरीकों पर चर्चा हुई।

 

फ्लेक्सिबल लीडरशिप स्टाइल बेहतर मैनेजमेंट के लिए जरूरी
ट्रेनिंग सेशन के दौरान आईआईएम इंदौर के नवीन कृष्ण राय ने अधिकारियों को संबोधित करते हुए फ्लेक्सिबल लीडरशिप स्टाइल (flexible leadership style) की आवश्यकता के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि सिचुएशनल लीडरशिप प्रिंसिपल की मदद से प्रभावी नेता अपनी लीडरशिप स्टाइल को स्थिति के अनुकूल बदल लेते हैं और उन कारकों पर जैसे कि कार्य का प्रकार, समूह की प्रकृति आदि पर ध्यान देते हैं जो कार्य को पूरा करने की क्रिया को प्रभावित कर सकते हैं। उन्होंने आगे कहा कि लीडरशिप स्टाइल का चुनाव करते समय लीडर को ये ध्यान रखना चाहिए कि किसी कार्य को एक विशेष परिस्थिति में पूरा करने के लिए किस प्रकार की लीडरशिप स्टाइल व रणनीति सबसे उपयुक्त होगी।

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टीम के सदस्यों की ताकत,कमजोरी का पता होना चाहिए
विभिन्न परिस्थितियों और लीडरशिप स्टाइल पर चर्चा करते हुए नवीन कृष्ण राय ने बताया कि यदि टीम के किसी सदस्य में किसी काम को करने के लिए ज्ञान, कौशल या आत्मविश्वास की कमी हो और वह अक्सर ही कार्य करने का इच्छुक नहीं हों, तो टीम लीडर के द्वारा उस सदस्य को यह बताना चाहिए कि उसे क्या काम करना है और उसे कैसे करना है। यदि टीम का कोई सदस्य किसी कार्य को करने का इच्छुक है लेकिन उसे सफलतापूर्वक करने के लिए उसमें कौशल की कमी है, तो टीम लीडर को उसे उस कार्य को करने की दिशा प्रदान करनी चाहिए। जबकि ऐसी परिस्थिति में जब टीम के किसी सदस्य के पास एक कार्य को करने का कौशल तो हो लेकिन वह उस कार्य को करने के लिए बहुत उत्साहित न हो तब ऐसी परिस्थिति में टीम लीडर को उस सदस्य को साथ में लेकर कार्य को प्रारम्भ करना चाहिए और कार्य के दौरान निर्णय लेने की जिम्मेदारियों को उसके साथ साझा करना चाहिए। और, यदि टीम का कोई सदस्य स्वयं के बल पर कोई कार्य कर सकता है और उस कार्य को अच्छी तरह से पूरा कर लेने की अपनी क्षमता पर उसे विश्वास है और वह न केवल कार्य करने के लिए बल्कि कार्य की जिम्मेदारी लेने के लिए भी सक्षम और इच्छुक है, तब टीम लीडर को उस कार्य की ज़िम्मेदारी उक्त सदस्य को सौंप देना चाहिए। ऐसे में टीम लीडर को सिर्फ़ कार्य के प्रगति की निगरानी करनी चाहिए और निर्णय लेने में ज्यादा शामिल नहीं होना चाहिए।

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