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हरदा

यह हैं नए भारत की लड़कियां, बॉर्डर पर कर रही हैं देश की रक्षा

brave girls; हिन्दुस्तान की सरहद पर तैनात सैनिकों में मध्यप्रदेश के हरदा जिले की जांबाज लड़कियां भी देश की रक्षा कर रही हैं…।

हरदाJan 15, 2024 / 02:38 pm

Manish Gite

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हरदा जिले के विक्रमपुर और पिपल्या गांव की आदिवासी बेटियों ने सेना में भर्ती होकर नाम रोशन किया है। उन्होंने पढ़ाई के दौरान ही सेना में शामिल होकर देश की सेवा करने का लक्ष्य बनाया था। इसमें सफल होने के बाद दोनों आज नेपाल और पश्चिम बंगाल की बार्डर पर देश की सुरक्षा करने में जुटीं हुईं हैं। बबली वाड़िवा निवासी पिपल्या ने बताया कि वह तीन बहने हैं और एक भाई है। पिता का स्वर्गवास हो चुका है। मां ने मजदूरी करके उन्हें पढ़ाया है। मेरी बड़ी बहन सविता वाड़िवा ने हरदा से शिक्षा प्राप्त की थी। उनका देश की सेना में जाने का सपना था, जिसे लेकर वह तैयारियां कर रहीं थीं। मां भी बहन को उसके लक्ष्य हासिल करने में सपोर्ट किया था। सविता की मेहनत रंग लाई और वर्ष 2021 में उनका चयन सेना में हुआ था। आज वह नेपाल की बार्डर पर देश की सुरक्षा कर रहीं हैं।

उन्होंने कहा कि सविता का देश की सेवा के लिए जाना समाज और अन्य बेटियों को भी प्रेरित कर रहा है। वहीं सेना में भर्ती होकर सविता ने हरदा जिला और प्रदेश का नाम रोशन किया है। उन्होंने कहा कि आज बेटियों को भी इस क्षेत्र में जाना चाहिए।

 

भावना ने ऐसे की तैयारी

जिले के सिराली तहसील के गांव विक्रमपुर की आदिवासी बेटी भावना सिरसाम भी मजदूर परिवार से हैं। लेकिन उनके मन भी सेना में जाने का जज्बा था। जिसे उन्होंने वर्ष 2022 में साकार का लिया था। आज वह पश्चिम बंगाल की बार्डर पर सुरक्षा में तैनात हैं। भावना ने बताया कि वह सैनिकों को देश की सुरक्षा करते हुए देखती थी तो लगता था कि इससे बड़ी सेवा हो नहीं सकती। सैनिक बार्डर पर खड़े रहते हैं, उनकी बदौलत ही हमारा देश सुरक्षित रहता है। इसी जज्बे को भी मैंने अपने मन में उतार लिया था कि वह भी एक दिन सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करुंगी।

उन्होंने बताया कि सेना की ट्रेनिंग में कई लड़कियां आई थीं, लेकिन प्रशिक्षण कठिन देखकर लौट गई थीं, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और हर ट्रेनिंग को बेहतर ढंग से करके सफलता हासिल की थी। सेना में बीएसएफ के पद पर चयन होने पर विक्रमपुर गांव सहित समाज में खुशी की लहर दौड़ गई थी। गांव पहुंचने पर ग्रामीणों एवं परिजनों ने स्वागत करते हुए हौंसला बढ़ाया था।

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