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हापुड़

सक्सेस स्टोरी: साइंस पढ़ने में लगता था डर, 11वीं में लिया कामर्स, वैभव ने विपरीत परिस्थितियों में CA बनकर किया नाम रोशन

“कौन कहता है आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों” दुष्यंत कुमार की इसी कविता को सच कर दिखाया है यूपी के हापुड़ जिला के रहने वाले वैभव माहेश्वरी ने। वैभव ने CA बनकर अपना ही नहीं बल्कि जिले भर का सीना गर्व से चौड़ा कर दिया है। पढ़िए वैभव के संघर्ष के दिनों की पूरी कहानी…

हापुड़Jan 13, 2024 / 02:54 pm

Vikash Singh

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के छोटे से जिले हापुड़ के लाल वैभव माहेश्वरी ने CA बनकर परिवार सहित पुरे क्षेत्र और जिले का नाम रोशन कर दिया है। वैभव ने बताया कि वह क्लास 11 में ही CA बनने की ठान ली थी। वैभव को तीसरे प्रयास में यह सफलता मिली है। उनकी इस सफलता से परिवार में खुशी का माहौल है।

हापुड़ के स्वर्ग आश्रम रोड पर मौजूद मोदी जनाना हॉस्पिटल के पीछे प्राईवेट क्वार्टर में रहने वाले मुकेश माहेश्वरी इसी हॉस्पिटल में ही एकाउंटेंट हैं। 20 हजार रुपए मंथली की सैलरी में वह अपनी माता व पत्नी क्षमा माहेश्वरी साथ ही दोनों बच्चों वैभव माहेश्वरी और माधव माहेश्वरी का खर्च चलाते हैं।

मुकेश माहेश्वरी ने अपने बच्चों को होनहार बनाने का सपना देखा था। जिन्हें उनके बच्चे पूरी लगन-मेहनत और ईमानदारी के साथ पूरा कर रहे हैं। वैभव माहेश्वरी ने जहां सीए बनकर अपने माता-पिता के सपनों को पूरा किया है, तो वहीं वैभव का छोटा भाई भी सीए फाइनल का एग्जाम 2024 में देने के लिए अपनी फुल तैयारियों में जुटा है।

मेहनत से हासिल की मनचाही मंजिल

वैभव ने बताया कि 20*20 के प्राईवेट क्वार्टर में उन्होंने अपनी CA बनने की तैयारी की। वैभव ने बचपन में इंजीनियर बनने का सपना देखा था, लेकिन जब वह 9 वीं क्लास में साइंस की पढ़ाई कठिन लगी तो फिर बाद में उन्होंने CA बनने की ठान ली और 11वीं कक्षा से साइंस छोड़कर कॉमर्स स् स्ट्रीम को चुना और लग गए अपनी तैयारियों में।

वैभव ने बताया कि परिवार का सपोर्ट उन्हें हमेशा मिलता रहा। बिना फैमिली सपोर्ट के यह लक्ष्य मुश्किल था। CA की तैयारी के लिए सीए इंटर के एग्जाम में तीन बार निराशा हाथ लगी। जिसके बाद मन टूटने सा लगा। लेकिन माता-पिता और दादी ने उनकी हौसला अफजाई की और एक बार फिर से तैयारी में जुटने के लिए प्रेरित किया। जिसके बाद उन्होंने अपना पूरा 100 प्रतिशत तैयारी में लगा दिया और सफलता हासिल की।

जिंदगी में संघर्ष को बनाया मूल मंत्र
वैभव ने बताया कि सीए बनने के लिए जरूरी ये नहीं है कि आप कितनी देर तक पढ़ाई कर रहे हैं, जरूरी ये है कि जितनी देर भी पढ़ाई करते हैं, वो समझ में आना चाहिए। अपना लक्ष्य निर्धारित कर उसे पाने में जी-जान से जुट जाना चाहिए। फिर सफलता एक न एक दिन जरूर आपके कदम चूमेगी।

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