हनुमानगढ़

Rajasthan News : अभिभावकों की लापरवाही स्कूली बच्चों के इस काम पर पड़ रही भारी, शिक्षकों के छूट रहे पसीने

Aadhaar Authentication : हनुमानगढ़. सरकारी पाठशालाओं में पढ़ाई के अतिरिक्त दर्जनों कार्य शिक्षकों के जिम्मे हैं। ऐसा ही एक अतिरिक्त कार्य है जो सही मायनों में तो पूरी तरह अभिभावकों की जिम्मेदारी है। मगर उसके लिए भी संस्था प्रधानों व शिक्षकों को माथापच्ची करनी पड़ रही है। यह कार्य है विद्यार्थियों की आधार प्रविष्टि तथा प्रमाणीकरण।
 

हनुमानगढ़Apr 07, 2024 / 12:30 pm

जमील खान

Rajasthan News : अभिभावकों की लापरवाही स्कूली बच्चों के इस काम पर पड़ रही भारी, शिक्षकों के छूट रहे पसीने

Aadhaar Authentication : हनुमानगढ़. सरकारी पाठशालाओं में पढ़ाई के अतिरिक्त दर्जनों कार्य शिक्षकों के जिम्मे हैं। ऐसा ही एक अतिरिक्त कार्य है जो सही मायनों में तो पूरी तरह अभिभावकों की जिम्मेदारी है। मगर उसके लिए भी संस्था प्रधानों व शिक्षकों को माथापच्ची करनी पड़ रही है। यह कार्य है विद्यार्थियों की आधार प्रविष्टि तथा प्रमाणीकरण। अभिभावकों की ओर से पर्याप्त सहयोग नहीं मिलने के कारण यह कार्य अपेक्षानुरूप गति नहीं पकड़ पा रहा है। आधार प्रमाणीकरण के अभाव में विद्यार्थियों को विभिन्न सरकारी योजनाओं से लाभान्वित करने में परेशानी आती है। जाहिर है कि यह कार्य विद्यार्थियों के लिए लाभदायक है। इसके बावजूद बड़ी संख्या में ऐसे अभिभावक हैं जो इसके प्रति उदासीन हैं तथा पर्याप्त सहयोग नहीं दे रहे हैं।

हनुमानगढ़ व श्रीगंगानगर टॉप पर
जानकारी के अनुसार शाला दर्पण पोर्टल पर विद्यार्थियों के आधार नम्बर प्रविष्ट तो किए हुए हैं। मगर ऑथेंटिकेशन (प्रमाणीकरण) नहीं हो रहा है। राज्य भर के आंकड़ों पर नजर डालें तो पिछले माह तक आधार प्रविष्टि 91 प्रतिशत थी। जबकि आधार प्रमाणीकरण सिर्फ 62 प्रतिशत ही हो सका था। बड़ी बात यह है कि प्रदेश में आधार प्रविष्टि व प्रमाणीकरण में श्रीगंगानगर व हनुमानगढ़ टाप पर हैं। श्रीगंगानगर 96.37 प्रविष्टि व 73.18 प्रमाणीकरण तथा हनुमानगढ़ 94.84 आधार प्रविष्टि व 71.88 प्रतिशत प्रमाणीकरण के साथ क्रमश: पहले व दूसरे नम्बर पर हैं।

इसलिए अभिभावकों की जिम्मेदारी
आधार व स्कूल रेकॉर्ड को एक समान कराने पर ही आधार प्रमाणीकरण होता है। मगर स्कूल रेकॉर्ड में संस्था प्रधान कोई संशोधन नहीं कर सकते। जबकि आधार कार्ड में स्कूल रेकॉर्ड के अनुसार संशोधन आधार केंद्र से होता है। वहां डेटा सही करवाने के बाद ही शाला दर्पण पर प्रमाणीकरण होता है। आधार संशोधन का काम अभिभावकों को अपने स्तर पर करवाना होता है। मगर अभिभावक अपेक्षित रूचि लेकर यह कार्य नहीं करवा रहे। जबकि शिक्षा विभाग शिक्षकों व संस्था प्रधानों पर लक्ष्य पूरा करने के लिए दबाव डालता है।

कैम्प लगाकर पोर्टल से संशोधन
राजस्थान वरिष्ठ शिक्षक संघ, रेस्टा के प्रदेश प्रवक्ता बसन्त कुमार ज्याणी कहते हैं कि कुछ विद्यार्थियों के एक या दो बार नाम या जन्मतिथि में संशोधन करवाए हुए हैं। अब उनके आधार कार्ड में दूसरी या तीसरी बार संशोधन नहीं होता। क्योंकि लिमिट खत्म हो चुकी है। ऐसे विद्यार्थियों के आधार अपडेशन के लिए विभाग को शाला दर्पण के माध्यम से संशोधन, अपडेशन व वेरिफिकेशन की प्रक्रिया प्रारंभ करनी चाहिए। इससे विद्यार्थियों व अभिभावकों को आधार केंद्रों पर चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे।

स्कूल रेकॉर्ड के अनुसार आधार रिक्वेस्ट के माध्यम से संशोधन होने चाहिए। आधार प्रमाणीकरण नहीं होने के कई कारण हैं। जैसे कि विद्यार्थियों के नाम, जन्मतिथि आदि आधार रेकॉर्ड व स्कूल रिकॉर्ड में भिन्न होने के कारण आधार प्रमाणीकरण नहीं हो रहा है। विद्यार्थी का नाम, जन्मतिथि प्रमाणीकरण में यह तीन बिन्दु देखे जाते हैं। यह तीनों स्कूल व आधार में समान हैं तो प्रमाणी करण होता है अन्यथा प्रमाणीकरण नहीं होगा।

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