२१ जनवरी २०२२ को जिले की गोलूवाला मंडी में ९८४८ रुपए प्रति क्विंटल नरमा बिका। इसी तरह जंक्शन मंडी में ९५००, टाउन में ९५४९, पीलीबंगा में ९४००, रावतसर में ९६५० व संगरिया मंडी में ९६०० रुपए प्रति क्विंटल नरमा बिका। जबकि इससे पहले जंक्शन व टाउन मंडी में दस हजार से अधिक रुपए प्रति क्ंिवटल तक नरमा के भाव लगे थे।
बीते खरीफ सीजन में नरमा-कपास की अच्छी पैदावार होने के साथ ही इस बार किसानों को कुछ रेट भी ठीक मिल रहे हैं। सीजन में खरीद के शुरुआती दौर में ही अच्छे रेट मिलने शुरू हो गए थे। इसके कारण न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद भी शुरू नहीं हो पाई। क्योंकि इससे अधिक रेट बाजार में किसानों को मिल रहा था। अब नरमा-कपास के दस हजारी बनने से किसान काफी उत्साहित हो रहे हैं।
जिले में खरीफ सीजन में नरमा-कपास प्रमुख खेती मानी जाती है। नकदी फसल होने की वजह से किसान इसमें रुचि दिखाते हैं। जिले की जीडीपी में भी कपास की फसल का अहम योगदान है। कई जिनिंग फैक्ट्रियों में करोड़ों रुपए का कारोबार हो रहा है। पूर्व में सहकारिता क्षेत्र में संचालित सहकारी स्पिनिंग मिल में धागे का निर्माण जब होता था तो उस वक्त मिल के स्टॉफ भी मंडी में कपास खरीदने को आते थे। इस तरह जिले के आर्थिक विकास में कपास की खेती का अहम योगदान है।