पहले संचालित मुख्यमंत्री कामधेनु बीमा योजना की बात करें इसमें राज्य सरकार स्तर पर प्रीमियम जमा करवाया गया था। इस तरह पशुपालकों पर कोई वित्तिय भार नहीं पड़ा था। नई बीमा योजना में भी उम्मीद है कि सरकार ही प्रीमियम जमा करवाएगी। इस तरह भविष्य में प्रदेश के लाखों पशुपालकों को राहत मिलने की उम्मीद जगी है। पूर्व में बीमित दुधारू पशु की मौत होने पर चालीस हजार रुपए का क्लेम मिलता था। नई योजना में कितनी राशि मिलेगी, इसकी स्थिति तेरह दिसम्बर को ही स्पष्ट हो सकेगी। पशु बीमा योजना की बात करें तो राजस्थान में करीब डेढ़ वर्ष से उक्त योजना बंद पड़ी है। पशु पालक अपने स्तर पर प्रीमियम जमा करवाकर पश्ुाओं का बीमा करवा रहे हैं। परंतु अब मंगला पशु बीमा योजना शुरू होने पर पशुपालकों को राहत मिल सकेगी।
पशुधन पर नजर
बीसवीं पशुगणना रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान में कुल पशुधन 5.68 करोड़ रही है। जो वर्ष 2012 में 5.77 करोड़ था। इस प्रकार 2019 में कुल पशुओं की संख्या में 1.66 प्रतिशत की कमी देखी गई। हनुमानगढ़ सहित प्रदेश के करीब-करीब सभी जिलों में पशुओं की संख्या में कमी देखी गई थी। बावजूद पशुपालन की दृष्टि से देश में राजस्थान का अहम स्थान है। वर्तमान में पशु गणना कार्य चल रहा है। 31 दिसम्बर 2024 तक गणना चलेगी।
-बीसवीं पशुगणना रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान में कुल पशुधन 5.68 करोड़ रही है। जो वर्ष 2012 में 5.77 करोड़ था।
-31 दिसम्बर 2024 तक पशुगणना चलेगी। गणना के आंकड़े व पशुपालकों की जानकारी एप के जरिए अपलोड की जा रही है।
-पूर्व में संचालित बीमा योजना में 40 हजार रुपए का मिलता था क्लेम। मंगला पशु बीमा योजना में कितनी मिलेगी राशि, इसकी स्थति 13 दिसम्बर को होगी साफ।
-हनुमानगढ़ जिले में करीब 03 लाख दुधारू पशुओं की संख्या है।
पहले थी बंद, अब होगी शुरू
पूर्व में संचालित मुख्यमंत्री कामधेनु बीमा योजना करीब डेढ़ वर्ष से बंद थी। काफी पशुपालक इसे लेकर पूछताछ कर रहे थे। अब सरकार ने नए अंदाज में मंगला पशु बीमा योजना शुरू करने को लेकर निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत तेरह दिसम्बर को जिला मुख्यालय पर किसान सम्मेलन होगा। इसमें उच्च स्तर से योजना की विस्तृत स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।
-डॉ. हरीश गुप्ता, संयुक्त निदेशक, पशुपालन विभाग हनुमानगढ़।