विशेष न्यायाधीश अजयकांत पांडे ने राहुल यादव द्वारा हायर सेकेण्ड्री में पूरक की पात्रता के बावजूद फर्जी तरीके से पीएमटी पास कर जीआर मेडिकल कॉलेज में दाखिला लिए जाने के मामले में आशीष चतुर्वेदी को जमानती वारंट से तलब किया था। इस मामले में एसआईटी के जांच अधिकारी समीर पाटीदार की गवाही होने के बाद 1.15 बजे जब आशीष चतुर्वेदी अदालत में हाजिर नहीं हुआ तब शासन की ओर से अतिरिक्त लोक अभियोजक गिरीष शर्मा की ओर से न्यायालय को यह निवेदन किया जा रहा थ कि साक्षी आशीष को कई अवसर दिए जा चुके हैं इसलिए उसकी साक्ष्य को समाप्त किया जाए।
तभी कोर्ट में आशीष उपस्थित हुआ न्यायालय ने उसे कहा कि वह साक्ष्य देने के लिए शपथ लें और साक्ष्य प्रारंभ करें। इसके लिए वह विटनेस बॉक्स में उपस्थित हों परंतु उसने साक्ष्य देने से इंकार कर दिया। इस मामले में राहुल यादव की ओर से एडवोकेट संजय शर्मा उपस्थित थे।
पहले मेरे आवेदन का निराकरण करें
आशीष द्वारा न्यायालय में एक आवेदन दिया गया जिसमें प्रार्थना की गई कि जांच एजेंसी को निर्देशित किया जाए कि वह इस मामले में प्रोग्रेस रिपोर्ट शीघ्र प्रस्तुत करे। इससे पूर्व आशीष द्वारा एक आवेदन प्रस्तुत कर कहा गया था इस मामले में बिना दस्तावेजों के राहुल यादव को मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के लिए जिम्मेदार मेडिकल कॉलेज की कमेटी के सभी पदाधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए। आशीष ने कहा कि उसके आवेदन का निराकरण किया जाए इसके बाद वह गवाही देगा।
आशीष द्वारा न्यायालय में एक आवेदन दिया गया जिसमें प्रार्थना की गई कि जांच एजेंसी को निर्देशित किया जाए कि वह इस मामले में प्रोग्रेस रिपोर्ट शीघ्र प्रस्तुत करे। इससे पूर्व आशीष द्वारा एक आवेदन प्रस्तुत कर कहा गया था इस मामले में बिना दस्तावेजों के राहुल यादव को मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के लिए जिम्मेदार मेडिकल कॉलेज की कमेटी के सभी पदाधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए। आशीष ने कहा कि उसके आवेदन का निराकरण किया जाए इसके बाद वह गवाही देगा।
साक्ष्य देने से इंकार करना अपराध
न्यायाधीश अजय कांत पांडे ने कहा कि आरोपी द्वारा साक्ष्य देने से इंकार किया जाना दंडनीय अपराध है। इस पर उसे दो सौ रुपए का अर्थदंड लगाए जाने का नोटिस दिया गया। इसके बाद कोर्ट ने उस पर जुर्माना लगाया, जुर्माना अदा न करने पर उसे १५ दिन की सजा सुनाई गई।
न्यायाधीश अजय कांत पांडे ने कहा कि आरोपी द्वारा साक्ष्य देने से इंकार किया जाना दंडनीय अपराध है। इस पर उसे दो सौ रुपए का अर्थदंड लगाए जाने का नोटिस दिया गया। इसके बाद कोर्ट ने उस पर जुर्माना लगाया, जुर्माना अदा न करने पर उसे १५ दिन की सजा सुनाई गई।
29 की गवाही पूरी,केवल आशीष की गवाही शेषन्यायालय से यह
अदालत ने कहा कि इस मामले में 29 गवाहों की गवाही हो चुकी है। केवल आशीष की गवाही नहीं हो सकी है। जब पुलिस द्वारा अन्य अभियुक्तगण के ख्ािलाफ अभियोग प्रस्तुत किया जाएगा तब उसके संबंध में विचारण प्रारंभ किया जाएगा। अभी तो इस मामले की सुनवाई की जाना है। साक्षी प्रत्येक स्थिति में गवाही देने से इंकार किया गया है। इसलिए उसे दंडित किया गया। इसके बाद उसका वारंट बनाकर जेल भी भेज दिया गया। एक घंटे बाद ही दो सौ रुपए जमा करने पर अदालत ने आशीष को रिहा किए जाने के आदेश दिए।
अदालत ने कहा कि इस मामले में 29 गवाहों की गवाही हो चुकी है। केवल आशीष की गवाही नहीं हो सकी है। जब पुलिस द्वारा अन्य अभियुक्तगण के ख्ािलाफ अभियोग प्रस्तुत किया जाएगा तब उसके संबंध में विचारण प्रारंभ किया जाएगा। अभी तो इस मामले की सुनवाई की जाना है। साक्षी प्रत्येक स्थिति में गवाही देने से इंकार किया गया है। इसलिए उसे दंडित किया गया। इसके बाद उसका वारंट बनाकर जेल भी भेज दिया गया। एक घंटे बाद ही दो सौ रुपए जमा करने पर अदालत ने आशीष को रिहा किए जाने के आदेश दिए।