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Good News: शहर का वास्तु दोष खत्म करेगा ये मंदिर, आप भी जानें ‘अष्ट महालक्षमीट मंदिर की खासियत’

Asht mahalakshmi Temple: ग्वालियर शहर में सूर्य मंदिर (Surya Temple) के कारण आए वास्तु दोष को खत्म करेगा अष्ट महालक्ष्मी (Asht Mahalaxmi Temple)का ये मंदिर…

ग्वालियरMar 07, 2024 / 09:11 am

Sanjana Kumar

ग्वालियर शहर का दोष दूर करने जौरासी में स्थापित अष्टमहालक्ष्मी मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में एमपी सीएम डॉ. मोहन यादव।।

Asht mahalakshmi Temple get rid Vastu Dosh of Gwalior : मध्य प्रदेश के ग्वालियर (Gwalior) शहर का वास्तु दोष खत्म करने के लिए यहां अष्ट महालक्ष्मी मंदिर (Asht Mahalakshmi Temple) स्थापित किया गया है। गुरूवार को एमपी के सीएम डॉ. मोहन यादव (मोहन यादव) मंदिर का लोकार्पण करेंगे। बता दें कि उनके साथ केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी कार्यक्रम में उपस्थित रहेंगे। बता दें कि अष्ट महालक्ष्मी के इस मंदिर में महालक्ष्मी के साथ उनकी सात बहनों की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान एमपी सीएम डॉ. मोहन यादव भी अचानक अष्ट महालक्ष्मी मंदिर में दर्शन करने पहुंच गए। वहीं आज भी एमपी सीएम मोहन यादव अष्ट महालक्ष्मी मंदिर (Ashtmahalakshmi Temple) का लोकार्पण करने ग्वालियर आ रहे हैं। लोकार्पण कार्यक्रम में एमपी सीएम मोहन यादव के साथ केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी उपस्थित रहेंगे।

 

बता दें कि जौरासी हनुमान मंदिर के पीछे बने अष्ट महालक्ष्मी मंदिर में बुधवार को माता अष्ट महालक्ष्मी की प्राण प्रतिष्ठा हुई। महालक्ष्मी की मूर्तियों की विधिविधान के साथ मंडप पूजन और पूर्णाहूति के साथ विसर्जन किया गया। प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव एक मार्च से शुरू हो गया था। 7 मार्च को होने वाले लोकार्पण कार्यक्रम में मुžयमंत्री डॉ. मोहन यादव के आने का तय था। लेकिन अचानक कार्यक्रम बदल गया और वे बुधवार को ही मंदिर पहुंच गए। अष्ट महालक्ष्मी के दर्शन किए। मुžख्यमंत्री के अचानक कार्यक्रम के बदलने को लेकर प्रशासन सुबह से अलर्ट हो गया। उनके आने तक तैयारी चलती रही। 7 मार्च को आना था, लेकिन सीधे भिंड से हवाई मार्ग से जौरासी पहुंचे। 3.40 बजे मंदिर में प्रवेश किया। टेकनपुर में हेलीकॉप्टर लैंड किया। सीधे मंदिर में पहुंचे और अष्ट महालक्ष्मी को फूलमाला पहनाई, श्रीफल चढ़ाया व आरती की।

इससे पहले तैयारी का जायजा लेने के लिए विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर पहुंच गए थे। उन्होंने व्यवस्थाओं को देखा व मुžयमंत्री डॉ. मोहन यादव की आगमानी की। कार्यक्रम का संचालन वीरेन्द्र जैन ने किया। इस अवसर पर मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष सुरेश चतुर्वेदी, सचिव प्रेमसिंह भदौरिया और व्यवस्थापक गुलाब सिंह भदौरिया आदि मौजूद थे।

7 मार्च को वेदपाठ व लोकार्पण कार्यक्रम होगा। जिसमें मुख्य अतिथि स्वामी अवधेशानंद गिरी होंगे। इस दौरान भंडारा आयोजित किया जाएगा। ट्रस्ट के मुताबिक 1 लाख से ज्यादा लोग प्रसादी ग्रहण करेंगे। आसपास के गांव के ग्रामीणों को प्रसादी वितरण की जिžमेदारी सौंपी गई। साथ ही उन सदस्यों को बैज वितरित किए गए है।

इस दौरान केन्द्रीय नागर विमानन और इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी 7 मार्च को ग्वालियर के इस अष्टमहालक्ष्मी मंदिर में रहेंगे। वे 7 मार्च को सुबह 9.30 बजे कलेक्ट्रेट पहुंचकर अधिकारियों की बैठक लेंगे। सुबह 10.30 बजे जौरासी में अष्ट महालक्ष्मी मंदिर के कार्यक्रम में शामिल होंगे। इसके बाद राजमाता विजयाराजे सिंधिया विमानतल महाराजपुरा पहुंचकर विमान से दोपहर 12.30 बजे नई दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगे।

मंदिर ट्रस्ट का कहना है कि ग्वालियर शहर में लगातार बंद होने वाले उद्योग-धंधों के बाद धर्माचार्यों ने इस मामले पर चर्चा की। निष्कर्ष में सामने आया कि शहर में बड़ा वास्तु दोष आया है। ये वास्तु दोष शनि पर्वत के क्षेत्र ग्वालियर में सूर्य मंदिर की स्थापना के कारण हुआ। इसका असर शहर के कारोबार पर दिखा। अब इस वास्तु दोष को सुधारने के लिए अष्ट महालक्ष्मी मंदिर का निर्माण जरूरी था।

पहले दंदरौआ सरकार मंदिर प्रबंधन ने शताब्दीपुरम में मंदिर निर्माण का प्रयास किया, लेकिन विवादों के चलते ऐसा नहीं हो सका। इसके बाद जौरासी मंदिर प्रबंधन ने इस मंदिर के निर्माण की जिम्मेदारी ली। अब मंदिर का निर्माण पूरा हो चुका है।
1. आदिलक्ष्मी

2. धनलक्ष्मी

3. धान्यलक्ष्मी

4. गजलक्ष्मी

5. संतानलक्ष्मी

6. वीरलक्ष्मी

7. ऐश्वर्य लक्ष्मी

8. विजयलक्ष्मी

– अष्ट महालक्ष्मी मंदिर में महालक्ष्मी की 6 फीट की प्रतिमा स्थापित की गई है।
– महालक्ष्मी की ये प्रतिमा वियतनाम मार्बल की है और इसे जयपुर के कारीगरों ने बनाया है।

– इस प्रतिमा में महालक्ष्मी के साथ उनकी सात बहनों की बहनों की प्रतिमाएं 2-2 फीट की हैं।
– गणेशजी और मां सरस्वती की साढ़े तीन-साढ़े तीन फीट की प्रतिमाएं हैं।

– महालक्ष्मी के आगे उनकी सात बहनों की मूर्तियां स्थापित की गई हैं।

– गणेशजी और सरस्वती के लिए मुख्य मंदिर के प्रवेश द्वार के पास अलग मंदिर बनाए गए हैं।
– महालक्ष्मी की प्रतिमा ढाई टन वजनी है।

– पौराणिक कथाओं के अनुसार सूर्य व शनि के बीच की वैमनस्यता को महालक्ष्मी ही दूर करा सकती हैं। इसलिए हनुमान मंदिर ट्रस्ट, जौरासी द्वारा 15 करोड़ की लागत से अष्ट महालक्ष्मी का भव्य मंदिर तैयार कराया गया।
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