ग्वालियर

मूसलाधार बारिश से मध्य प्रदेश में हाहाकार, सेना ने संभाला मोर्चा

ग्वालियर -चंबल में 36 घंटे बारिश से 200 गांवों में बाढ़ के हालात, 1171 गांव प्रभावित 100 से ज्यादा गांव खाली कराए। सीएम शिवराज ने पीएम और रक्षामंत्री को बताए हालात।

ग्वालियरAug 04, 2021 / 08:54 am

Hitendra Sharma

ग्वालियर. ग्वालियर -चंबल अंचल में 36 घटे से जारी बारिश से हाहाकार मच गया है। शिवपुरी, श्योपुर, दतिया, भिंड और गुना में बाढ़ के हालात है। सीधे तौर पर 700 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। 1171 गांव प्रभावित हैं। करीब 100 गांवों को खाली कराया है। अलग-अलग हादसों में कम से कम चार लोगों की जान चली गई, 25 हजार से ज्यादा लोग प्रभावित। बड़े क्षेत्र में बिजली बंद है। रेलवे ट्रेक पर पानी भर गया है।

सीएम शिवराज सिंह ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से चर्चा कर वायुसेना की मदद मांगी। अबतक हेलीकॉप्टर और अन्य साधनों से करीब 2 हजार लोगों का रेस्क्यू किया जा चुका है। प्रदेश में एसडीआरएफ की 70 और एनडीआरएफ की तीन टीमें लगी हैं। सेना ने मोर्चा संभाल लिया है। जवान रात में नरवर-पोहरी पहुंचे।

मंत्री योशोधरा राजे सिंधिया और महेंद्र सिंह सीसोदिया भी शिवपुरी में डेरा जमाए हुए हैं। बाढ़ में फंसे लोगों के लिए भोजन के पैकेट सहित अन्य इंतजाम किए जा रहे है। मंत्री नरोत्तम मिश्रा, तुलसी सिलाबट और गोविंद सिंह राजपूत को मांनिटरिग की जिम्मेदारी दी गई है। बाढ़ से नुकसान का आकलन किया जा रहा है। राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया कि कुल 1171 गांव प्रभावित हुए हैं। सबसे ज्यादा गांव शिवपुरी के हैं।

 

रतनगढ़ जाने वाला पुल ढहा
दतिया के रतनगढञ मंदिर जाने के लिए बनाया गया पुल ढह गया। यह वही पुल है जहां 8 साल पहले अक्टबर 2013 में हुए हादसे में 115 की जान गई थी सिंध और पहुज नदीं में आए सैलाव की वजह यह पुल ढह गया। 2006 में इस नदी में 50 लोग बह गए थे, तब नदी पर पुल बनाया गया था। लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव ने सिंध नदी पर को पुल और इंदरगढ़ फिर मार्ग पर निर्मित पुल के क्षतिग्रस्त होने पर जांच के निर्देश दिए हैं।

बाढ़ से 25 हजार से ज्यादा लोग प्रभावित
श्योपुर में बारिश से पार्वती और क्यारी नदियों में बाढ़ का पानी चंबल में आ रहा है। क्वारी और चंबल नदी से 25 से ज्यादा गांव और 25 हजार लोग प्रभावित हैं। 200 लोगों को रैस्क्यू किया गया है। लोगों को सुरक्षित सरकारी भवनों में शिफ्ट किया गया है। चार बच्चे नहाते समय डूबने लगे, इनमें से एक की मौत हो गई।

रतनगढ़ जाने वाला पुल ढहा
दतिया के रतनगढञ मंदिर जाने के लिए बनाया गया पुल ढह गया। यह वही पुल है जहां 8 साल पहले अक्टबर 2013 में हुए हादसे में 115 की जान गई थी सिंध और पहुज नदीं में आए सैलाव की वजह यह पुल ढह गया। 2006 में इस नदी में 50 लोग बह गए थे, तब नदी पर पुल बनाया गया था। लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव ने सिंध नदी पर को पुल और इंदरगढ़ फिर मार्ग पर निर्मित पुल के क्षतिग्रस्त होने पर जांच के निर्देश दिए हैं।

बाढ़ से 25 हजार से ज्यादा लोग प्रभावित
श्योपुर में बारिश से पार्वती और क्यारी नदियों में बाढ़ का पानी चंबल में आ रहा है। क्वारी और चंबल नदी से 25 से ज्यादा गांव और 25 हजार लोग प्रभावित हैं। 200 लोगों को रैस्क्यू किया गया है। लोगों को सुरक्षित सरकारी भवनों में शिफ्ट किया गया है। चार बच्चे नहाते समय डूबने लगे, इनमें से एक की मौत हो गई।

डूबने की कगार पर बैठे लोग
बैराड़ के हर्रई बरखेड़ी में हालात बेकाबू हैं। बाढ़ में फंसे अतेंद्र सिंह तोमर से बातचीत में पता चला कि रातभर से लोग भूखे प्यासे हैं। पानी बढ़ता जा रहा है। बरखेड़ी गांव के 25-30 लोग डूबने की कगार पर हैं।

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बांधों से पानी छोड़ा, उफान पर नदियां
शिवपुरी में रस्क्यू टीम खुद ही फंस गई। बदरवास में एसडीआरआफ की टीम कुछ लोगों को निकालने के लिए कोटा भगोरा में लोगों का रेस्क्यू करने पहुंची जो खुद ही झांसी रोड पर फंस गई। रन्नौद थाना क्षेत्र के जअकाझिरी कस्बे में मकान ढहने से एक महिला की मौत हो गई।

पार्वती खतरे के निशान पर
श्योपुर के विजयपुर और बड़ौदा में बाढ़ के हालात हैं। श्योपुर का अन्य जिलों से संपर्क कट चुका है। पार्वती नदी खतरे के निशान पर और चंबल भी उफान पर है। विजयपुर में बाढ़ में फंसे तीन दजैन लोगों को रेस्क्‍यू कर निकाला।

लोगों को सुरक्षित जगह भेजा
मड़ीखेड़ा बांध से छोड़े गए पानी से सिंध नदी का जलस्तर बढ़ गया है। कोटा बैराज से पानी छोड़े जाने के चलते चंबल नदी उफान पर है। हालांकि ग्रामीणों को गांव से निकलवा कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया है।

पुल पर दरार, हाईवे को रोका
ग्वालियर झांसी हाइवे एनएच 44 पर दतिया नगर पालिका सीमा में आने वाला सिंध पुल जो कि करीब एक साल पहले ही शुरू हुआ था। पुल पर कई जगह गहरी दरारें आ गई हैं। इसे देखते हुए प्रशासन ने नए पुल से बैरिकेट्स लगाकर आवागमन को बंद कर दिया है।

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बांध टूटने की अफवाह
हरसी बांध टूटने की अफवाह से लोगों ने ट्रैक्‍टर-ट्रॉलियों में सामान और परिवार को लेकर सुरक्षित स्थानों और रिश्तेदारों के यहां शरण ली। आरौन में रानीघाट गौशाला में 500 से अधिक लोग पहुंचे। प्रशासन ने अफवाहों पर ध्यान नहीं देने और सही जानकारी के लिए फोन नंबर जारी किया।

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ट्रैक डूबा रातभर जंगल में खड़ी रही इंटरसिटी
ग्वालियर भारी बारिश के चलते कई जगह रेल यातायात भी प्रभावित हुआ है। सबसे ज्यादा परेशानी शिवपुरी जिले के पाढरखेड़ा स्टेशन के आसपास बनी हुई है। यहां ट्रैक पर चारों तरफ पानी भर गया। पटरियों के नीचे की गिट्टी बह गई और ट्रैक पानी में डूब गया। इसी के चलते सोमवार को ग्वालियर से रतलाम जाने वाली इंटरसिटी एक्सप्रेस-रात में प़ाढरखेड़ा स्टेशन के आसपास 11 घंटे तक खड़ी रही। पहाड़ों से झरने की तरह ट्रेक पर पानी आ रहा था। मंगलवार दोपहर बाद ग्वालियर से डीजल इंजन भेजा गया। वहीं, देहरादून से उज्जैन जाने वाली उज्जैनी एक्सप्रेस के साथ इंटरसिटी और इंदौर-अमृतसर एक्सप्रेस का रूट डायवर्ट किया गया है। यह ट्रेनें शिवपुरी की जगह अब बाया बीना, गुना और झांसी होते हुए ग्वालियर तक आएगी।

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प्रदेश में सामान्य से 133% ज्यादा बारिश
ग्वालियर-चंबल सभाग के कई जिलों में औसत से अधिक बारिश हो चुकी है। प्रदेश में मंगलवार को 27.8 मिमी औसत वर्षा हुईं, जो सामान्य से 133 फीसदी अधिक रही। शिवपुरी में सामान्य से 123 तो श्योपुर में 138 फीसदी अधिक बारिश हो चुकी है।

नया चक्रवात भी बना
मौसम विमाग ने बचाया कि ताकतवर कम दबाव का क्षेत्र परिचम उत्तर मध्य प्रदेश में 7.6 किमी की ऊंचाई तक बना हुआ है। अगले 24 घंटों में इसके कुछ कमजोर होने का अनुमान है। लेकिन उत्तरी बंगाल की खाड़ी में एक अन्य चक्रवात भी बना हुआ है।

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