दरअसल, हाईकोर्ट ने शपथ पत्र मांगते हुए डीजीपी से पूछा था कि एनडीपीएस के मामलों में शीर्ष आरोपियों को जांच में शामिल करने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं? डीजीपी ने बताया कि नारकोटिक्स के निदेशक ने भी कहा कि अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है।
एनडीपीएस एक्ट के केस की
जांच पर उठ रहे थे सवाल भिंड जिले के भरोही थाने ने 13 दिसंबर 2022 को अरविंद सिंह को नशे की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया था। यह मोटरसाइकिल से 51 किलो गांजा तस्करी करके ले जा रहा था। आठवीं बार अरविंद ने हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की। उसकी ओर से तर्क दिया गया कि उसके खिलाफ चार्जशीट दायर हो गई है, लेकिन इस केस में उसे आरोपी नहीं बनाया है। न उसकी जांच की, जिसका गांजा था। वह तो सिर्फ गांजे का परिवहन कर रहा था, इसलिए उसे जमानत का लाभ दिया जाए। कोर्ट ने कहा था कि एनडीपीएस एक्ट व फर्जी सिम आदि से धोखाधड़ी करने वाले शीर्ष आपराधिक की भूमिका की जांच की जानी चाहिए। कोर्ट ने डीजीपी व डीजी नारकोटिक्स से शपथ पत्र मांगा है कि अधिकारियों का प्रशिक्षण कराया नहीं।