ग्वालियर

जनता तो बेचारी लाश है हिंदू राजा हुआ तो जला दी जाएगी, मुसलमान राजा हुआ तो दफना दी जाएगी

कवि सम्मेलन में देर रात तक बही प्रेम, वीर और हास्य की रसधाराखचाखच भरा रहा रंगमहल गार्डन, कवियों को सुनने जुटी भीड़

ग्वालियरNov 13, 2019 / 11:41 am

Mahesh Gupta

जनता तो बेचारी लाश है हिंदू राजा हुआ तो जला दी जाएगी, मुसलमान राजा हुआ तो दफना दी जाएगी

रंगमहल गार्डन में मंगलवार की रात हास्य, प्रेम और वीर रास के नाम रही। रात जैसे-जैसे जवां होती गई, कविताओं की धार भी उतनी ही तेज होती गई। नेताओं से लेकर अभिनेताओं तक हास्य कवियों के निशाने पर रहे। सर्जिकल स्ट्राइक से लेकर अयोध्या फैसले तक की शान में जमकर वीर रस बहा। इन सबके बीच प्यार की बौछारें भी ग्वालियर के श्रोताओं को देर रात तक भिगोती रहीं। मौका था चैंबर ऑफ कॉमर्स के दीपोत्सव-2019 ‘दिवाली मिलन समारोहÓ का। जिसमें देशभर के कवियों ने इस रात को अपनी रचनाओं से रोशन किया, जिसका गवाह बना पूरा शहर। ऑडियंश की फरमाइस पर भी कवियों ने चंद पंक्तियां पढ़कर सभी का दिल जीता।

श्रोताओं को बांधने के लिए सबसे पहले मंच संभाला आगरा की डॉ. ममता शर्मा ने। उन्होंने अपनी चंद पंक्तियों से सभी के अंदर देशभक्ति का भाव पैदा किया। पंक्तियां थीं ‘हम तो होली दीवाली मनाते रहे, गोलियां दुश्मनों की वो खाते रहे, कौन त्योहार है कब इन्हें क्या पता, राष्ट्र के पर्व की लौ जलाते रहे…।

ऑडियंस को इंतजार था काव्य के महान योद्धा सुरेन्द्र शर्मा को सुनने का। उन्होंने जैसे ही मंच संभाला, तो ग्वालियर ने तालियों की करतल ध्वनि से उनका स्वागत किया। उन्होंने पढ़ा ‘कोई फर्क नहीं पड़ता कि देश में राजा हिंदू हो या मुसलमान, जनता तो बेचारी लाश है हिंदू राजा हुआ तो जला दी जाएगी, मुसलमान राजा हुआ तो दफना दी जाएगी…।

श्रोताओं को जोड़ते हुए हरिओम पंवार ने पढ़ा ‘मैं ताजों के लिए समर्पण वंदन गीत नहीं गाता, दरबारों के लिए कभी अभिनंदन गीत नहीं गाता, गौंण भले जाऊं मौन नहीं हो सकता, पुत्र मोह में मैं शस्त्र त्यागकर द्रोण नहीं हो सकता, कितने ही पहरे बैठा दो मेरी क्रुद्ध निगाहों पर, मैं दिल्ली से बात करूंगा, भीड़ भरे चौराहों पर…।

वहीं कार्यक्रम का संचालन कर रहे तेज नारायण शर्मा ने पढ़ा ‘हम सियासी नवाबों के नवासे नहीं, ये सियासत हमें कब बलम बोलती है, जो सियासत ने बख्शी है हमको हिकारत, उसी की हकीकत कलम बोलती है…।


इसके बाद मंच संभाला उज्जैन के कवि अशोक भाटी ने, उन्होंने पढ़ा ‘पीते हैं तो तबियत खराब होती है, नहीं पिएं तो नीयत खराब होती है, एक दिन पीते एक दिन नहीं पीते, न तबियत खराब न नीयत खराब होती है…

बिहार के शम्भू शिखर ने अयोध्या फैसले पर अपनी राय कुछ इस प्रकार दी ‘सदियों पुराने जख्म को आराम हो गया, जैसे कि खत्म सारा तामझाम हो गया, ये रामलला के ही फैसले का असर है, सारा ही देश देखो राम-राम हो गया…

उज्जैन के हेमंत श्रीमाल ने देश के गद्दारों को केन्द्र बिंदु में लेते हुए पढ़ा ‘ज्ञान का कुंज ये इज्जत का चमन बेच दिया, अपनी जनता का सुकूं चैनो अमन बेच दिया, मां की रक्षा को गहन रखके दगाबाजों ने, चन्द सिक्कों के कमीशन में वतन बेच दिया…

Hindi News / Gwalior / जनता तो बेचारी लाश है हिंदू राजा हुआ तो जला दी जाएगी, मुसलमान राजा हुआ तो दफना दी जाएगी

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.