विवाद खत्म करने साथ रहने के लिए भेजा पत्नी को, पर नहीं सकी सुलह
हाईकोर्ट की युगल पीठ ने पति-पत्नी के विवाद को खत्म करने के लिए अनोखी पहल की,लेकिन परिवार टूटने से नहीं बच सका। दोनों आपसी सहमति से कुटुंब न्यायालय में तलाक का आवेदन पेश कर दिया। हाईकोर्ट से पति ने अपनी याचिका को वापस ले लिया। ज्ञात है कि पत्नी को अपने ससुराल में रहने के लिए भेजा था, लेकिन दोनों के बीच नहीं बन सकी।दरअसल देवेश (परिवर्तित नाम) का विवाह 2007 में हुआ था। दोनों एक बेटा व बेटी है, लेकिन शादी के कुछ सालों बाद दोनों विवाद होने लगा। पत्नी ने अपने बच्चों के साथ अलग रहने लगी। इसके बाद न्यायालय में भरण पोषण का केस दायर किया। कुटुंब न्यायालय ने पत्नी को 14 हजार रुपए भरण पोषण दिए जाने का आदेश दिया है। पत्नी ने धारा 9 ( साथ रहने के लिए) के तहत केस दायर किया। पत्नी के साथ रहने की इच्छा जताई। कुटुंब न्यायालय ने पत्नी के आवेदन पर आदेश करते हुए पति के साथ रहने का आदेश दिया, लेकिन पति साथ रखने के लिए तैयार नहीं था, जिसके चलते हाईकोर्ट में अपील दायर की। कोर्ट ने पति को दोनों बच्चों के साथ दीपावली मनाने का आदेश दिया है। कोर्ट के आदेश पर पति ने बच्चों के साथ दीपावली मनाई है। इसके बाद पति-पत्नी हाईकोर्ट में उपस्थित हुए। पति ने बच्चों के साथ मनाई दीपावली का अनुभव अच्छा बताया। इसके बाद पत्नी को साथ रहने के लिए भेजा, लेकिन दोनों के बीच सुलह नहीं सकी। आपसी सहमति से अलग होने का फैसला लिया है।