bell-icon-header
ग्वालियर

OBC Reservation Eligibility : अतिरिक्त न्यायाधीश की बेटी बोली, पिता क्रीमीलेयर में नहीं आते हैं, इसलिए ओबीसी आरक्षण का लाभ मिलेगा

OBC Reservation Eligibility : हाईकोर्ट की एकल पीठ ने उस मामले में राज्य शासन को नोटिस जारी किए हैं, जिसमें अतिरिक्त न्यायाधीश की बेटी ने अन्य पिछड़ा वर्ग का जाति प्रमाण पत्र की मांग की है।

ग्वालियरNov 23, 2023 / 09:01 am

Sanjana Kumar

court

OBC Reservation Eligibility : हाईकोर्ट की एकल पीठ ने उस मामले में राज्य शासन को नोटिस जारी किए हैं, जिसमें अतिरिक्त न्यायाधीश की बेटी ने अन्य पिछड़ा वर्ग का जाति प्रमाण पत्र की मांग की है। बेटी का तर्क है कि उनके पिता क्रीमीलेयर में नहीं आते हैं। मां गृहिणी है। इसलिए जाति प्रमाण पत्र बनाया जाए। कोर्ट ने पूछा है कि क्या याचिकाकर्ता क्रीमीलेयर में आती है। क्रीमीलेयर के क्या मापदंड हैं?

रागिनी राठौर ने हाईकोर्ट में याचिका अन्य पिछड़ा वर्ग के जाति प्रमाण पत्र के लिए हार्ईकोर्ट में याचिका दायर की है। उसकी ओर तर्क दिया है उनके पिता 10 मई 1968 को सिविल जज के पद पर भर्ती हुए थे। अभी पिपरिया में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश के पद पर कार्यरत हैं। मां गृहणी है। रागिनी खुद बेरोजगार है। लॉ की डिग्री हासिल करने के बाद परीक्षा की तैयारी कर रही है। जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए एसडीएम के यहां आवेदन किया, लेकिन एसडीएम ने क्रीमीलेयर का हवाला देते हुए प्रमाण पत्र का आवेदन निरस्त कर दिया। केंद्र व राज्य शासन ने जो अलग-अलग आदेश जारी किए है, उसके हिसाब से उनके पिता क्रीमीलेयर की श्रेणी में नहीं आते हैं। कोर्ट ने जुलाई 2023 में इस याचिका पर बहस की थी। इसके बाद 21 नवंबर 2023 को अपना आदेश जारी किया। इस पूरे मामले पर कोर्ट ने प्रश्न बनाए हैं, जिनके जवाब शासन से मांगे है। याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी अधिवक्ता सुनील जैन ने की। ज्ञात है कि सरकारी नौकरी के लिए आवेदन के लिए छह महीने पुराना ही जाति प्रमाण पत्र मान्य होता है।

याचिकाकर्ता ने इन आधारों पर मांगा है प्रमाण पत्र

– रागिनी के पिता का प्रमोशन 40 साल की उम्र के बाद हुआ था। 2008 में द्वितीय श्रेणी अधिकारी से प्रथम श्रेणी अधिकारी बने थे। शासन का जो सर्कुलर जारी है, उसके अनुसार 40 साल से अधिक उम्र के बाद मिले प्रमोशन के कारण क्रीमीलेयर में नहीं आएंगे। 40 से कम उम्र में प्रमोशन मिलने वाले अधिकारी क्रीमीलेयर में आएंगे।

– क्रीमीलेयर की जो 8 लाख आय निर्धारित की है, उसमें अन्य स्रोतों को भी जोड़ा गया है। अकेले वेतन की आय को नहीं जोड़ा जा सकता है। याचिकाकर्ता के पिता की सिर्फ वेतन से आय है। आय का अन्य कोई स्रोत नहीं है। इसलिए क्रीमीलेयर की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता है।

ये भी पढ़ें : शहर की बदहाली पर कोर्ट की टिप्पणी: व्यक्ति का पेट खराब है, उसका चेहरा चमकाने में लगे हैं, वह कैसे सुंदर दिखेगा
ये भी पढ़ें : पिता को हत्या का शक, बेटी का शव कब्र से निकलवाया, पोस्टमार्टम का खुलासा कर देगा हैरान

Hindi News / Gwalior / OBC Reservation Eligibility : अतिरिक्त न्यायाधीश की बेटी बोली, पिता क्रीमीलेयर में नहीं आते हैं, इसलिए ओबीसी आरक्षण का लाभ मिलेगा

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.