दरअसल 22 नवंबर से ज्वार व बाजरा की समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू हो गई थी, लेकिन समय पर केंद्र नहीं बन सके। इससे खरीद शुरू नहीं हो सकी थी। पिछले सप्ताह केंद्र निर्धारित हो गए। केंद्र निर्धारण के बाद किसानों 23 किसानों स्लॉट बुक कराया। गत दिवस बारिश होने से केंद्र पर नहीं पहुंचे, लेकिन दूसरे दिन एक किसान पहुंचा था।
गुणवत्ता आएगी आड़े – ज्वार व बाजरा की गुणवत्ता खरीद में आड़े आ रही है। क्योंकि आखिरी समय पर बारिश हो गई थी, जिससे बाजरा की चमक चली गई थी। यदि ज्वार व बाजरा में चकम नहीं है तो खरीदा नहीं जाएगा। पिछले साल खरीदा हुआ बाजरा किसानों को वापस किया गया था।
– क्वालिटी को लेकर किसान चिंतित है कि यदि कांटे पर फेल हो गया तो किराया भी जेब से देना पड़ेगा।