न्यायमूर्ति शील नागू ने जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिए। सहकारी बैंक ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा लगाई गई 30 लाख की पेनाल्टी को यह कहते हुए चुनौती दी थी कि रिजर्व बैंक ने इस पेनाल्टी को माफ करने के उनके आवेदन को बिना कोई कारण बताए खारिज कर दिया था। रिजर्व बैंक ने सहकारी बैंक ग्वालियर पर वर्ष 2017-18 में बैंकिंग रेग्युलेशन एक्ट का पालन नहीं करने पर 30 लाख रुपए की पेनाल्टी लगाई थी।
इस आदेश के खिलाफ बैंक ने रिजर्व बैंक को आवेदन देकर इसे माफ करने की मांग की थी। बैंक का कहना था कि बैंक घाटे में होने के कारण डिफॉल्टर हो गया था, इस कारण उसे छूट दी जाए। रिजर्व बैंक ने बिना कोई कारण बताए बैंक का आवेदन खारिज कर दिया था। इस पर बैंक ने उच्च न्यायालय में याचिका प्रस्तुत की थी।