बैठक में सामने आया कि अधिकारी फोन नहीं उठाते हैं। इस पर ऊर्जा मंत्री ने कहा कि जो अधिकारी धूर्तता कर रहे हैं, उपभोक्ताओं के फोन नहीं उठाते हैं, वह समझ लें कि उनकी वजह से ऊर्जा विभाग की छवि खराब हुई तो ऐसे अधिकारी बख्शे नहीं जाएंगे। बैठक में टेक्निकल डायरेक्टर समेत मुख्य महाप्रबंधक मौजूद थे।
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नौतपा के दौरान जहां प्रदेश में अधिकतम तापमान 48 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया है, वहीं बिजली की खपत बढ़कर 78 लाख यूनिट से ऊपर पहुंच गई है। लाइनें ओवरलोड होने से टूट रही हैं, सब स्टेशन पर फॉल्ट आ रहे हैं। वितरण ट्रांसफार्मर भी फेल हो रहे हैं। इस वजह से बिजली की समस्या बढ़ी है। सालभर से लाइनों का मेंटेनेंस कर रह रहे हैं, लेकिन उससे सुधार नहीं हुआ है। हर फीडर 4 से 10 बार बंद हो रहा है। लंबे पावर कट के कारण शहर की स्थिति खराब हो गई है। उर्जा मंत्री ने भोपाल से भी अधिकारी बुलाए और फॉल्ट के कारण भी पूछे।
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-गर्मियों में तापमान बढ़ने से लोड बढ़ा है। तापमान बढ़ने से बिजली के उपकरण गर्म हो रहे हैं, जिससे फॉल्ट आ रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि उन्हें अटेंड किया जा रहा है।
-सामान की कमी के संबंध में भी जानकारी ली गई, लेकिन अधिकारियों ने सामान की कमी नहीं बताई। गर्मी के कारण पोल गर्म हो गए हैं, इस वजह से स्टाफ को पोल पर चढ़ने में मुश्किल आ ही है।
-भिंड, मुरैना, विजयपुर से भी बिजली कटौती की शिकायतें आ रही हैं। यहां के अधिकारी फोन नहीं उठाते हैं, लोगों की नहीं सुनते हैं।
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जहां शत-प्रतिशत वसूली, वहां ट्रिपिंग न हो- उर्जा मंत्री
उर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि पिछले 10 दिनों में ट्रिपिंग की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है। इस व्यवस्था में तुरंत सुधार होना चाहिए। जिन पॉश कालोनियों से शत प्रतिशत राजस्व वसूली होती है, वहां ट्रिपिंग नहीं होनी चाहिए। उन्होंने सर्वाधिक ट्रिपिंग वाले जिलों के विभागीय अधिकारियों को हिदायत दी कि समय रहते अपने-अपने इलाके की विद्युत की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करें।