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PHE scam: वेतन हेड से करोड़ों की खरीद, स्टेशनरी की दुकान से कागज व क्लोरीन की खरीद, आधी रात किए गए भुगतान

PHE scam: Purchase of crores from salary head, purchase of paper and clearin from stationery shop, payments made at midnight पीएचई घोटाला: छह पीएचई के अफसर सहित 74 लोगों के नाम बढ़ेंगे एफआइआर में कलेक्टर रुचिका चौहान ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग खंड क्रमांक-1 (पीएचई) में हुए 84 करोड़ के घोटाले की जांच पुलिस को […]

ग्वालियरJul 02, 2024 / 11:04 am

Balbir Rawat

कलेक्टर रुचिका चौहान ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग खंड क्रमांक-1 (पीएचई) में हुए 84 करोड़ के घोटाले की जांच पुलिस को भेजने के निर्देश दिए हैं। इस घोटाले में छह पीएचई के अधिकारी सहित 74 लोगों के नाम एफआइआर में जोडऩे का आदेश दिया गया है। वेतन हेड से करोड़ों रुपए की खरीद की गई। सबसे बड़ा भुगतान स्टेशन दुकानदार के खातों में किए गया है…

PHE scam: Purchase of crores from salary head, purchase of paper and clearin from stationery shop, payments made at midnight

पीएचई घोटाला: छह पीएचई के अफसर सहित 74 लोगों के नाम बढ़ेंगे एफआइआर में

कलेक्टर रुचिका चौहान ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग खंड क्रमांक-1 (पीएचई) में हुए 84 करोड़ के घोटाले की जांच पुलिस को भेजने के निर्देश दिए हैं। इस घोटाले में छह पीएचई के अधिकारी सहित 74 लोगों के नाम एफआइआर में जोडऩे का आदेश दिया गया है। वेतन हेड से करोड़ों रुपए की खरीद की गई। सबसे बड़ा भुगतान स्टेशनरी दुकानदार के खातों में किए गया है। जिसके के न बिल थे और न जीएसटी नंबर। न वर्क ऑर्डर और अधिकारियों के हस्ताक्षर भी नहीं। फिर भी आधी रात करोड़ों रुपए का भुगतान ट्रेजरी से किया गया। रातों-रात करोड़ों रुपए सरकार को चपत लगा दी। पिछले नौ महीने की जांच में बड़ी फर्में पुलिस की रडार से बाहर थी, लेकिन अब इनके नाम सामन आ जाएंगे।
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दरअसल रोशनी घर स्थित पीएचई में नौ महीने पहले 16.42 करोड़ रुपए का घोटाला सामने आया था। वेतन, एरियर के भुगतान में घोटाले को अंजाम दिया। विभाग ने सेवा निवृत्त व मृतक कर्मचारियों को नौकरी में दिखाया गया, उनके नाम से वेतन निकाले गए। जब वेतन व एरियर के भुगतान लंबे समय तक नहीं पकड़ा गया तो क्लोरीन खरीद में भी बड़ा खेल कर दिया। बोगस फर्मों के खातों में करोड़ों रुपए का भुगतान किया गया। अतिरिक्त संचालक कोषालय ने इसकी जांच शुरू की। 2011 से 2023 के बीच के भुगतानों की जांच की। घोटाला 84 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। जिला कोषालय में रिपोर्ट परीक्षण के बाद कलेक्टर के पास पहुंची थी। कलेक्टर ने अपर कलेक्टर को रिपोर्ट के परीक्षण के निर्देश दिए थे। एडीएम ने परीक्षण के बाद रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपी। कलेक्टर ने रिपोर्ट पुलिस को भेजने के निर्देश दिए हैं। अब एफआइआर में 74 लोगों के नाम बढ़ जाएंगे। ज्ञात है कि घोटाले में अधीक्षण यंत्री संजय सोलंकी निवासी मकान नंबर 66 तानसेन रोड, रिटायर्ड बाबू अशोक कछौरिया निवासी पाताली हनुमान, ठेकेदार राहुल वर्मा निवासी मानमंदिर टॉकीज के पास हजीरा, रिटायर्ड अधीक्षण यंत्री रामनरेश करैया बी 68 गोविंदपुरी समेत कंम्प्यूटर ऑपरेट राहुल आर्य और मास्टरमाइंड हीरालाल उर्फ अशोक राज जेल में हैं।

दो फर्मों के खातों में सबसे ज्यादा भुगतान

इस पूरे घोटाले की आधी रकम दो फर्मों में भेजी है। दोनों फर्मों के मालिक आपस में रिश्तेदार हैं और किताब की दुकान संचालित करते हैं। किताब की दुकान से क्लोरीन खरीदा गया है।
– इन फर्मों के नाम पुलिस के रिकॉर्ड में नहीं आए हैं। इस वजह से फर्म के संचालक पुलिस की गिरफ्त से दूर थे, लेकिन अब इन पर पुलिस का शिकंजा कस सकेगा।

– पीएचर्ई के अधिकारियों ने 16 फर्मों के साथ मिलकर इतने बड़े घोटाले को अंजाम दिया है।
खरीद का नहीं था अधिकार, सिर्फ वेतन खातों में दे सकते थे

खंड क्रमांक एक के पास सिर्फ वेतन देने का अधिकार था। इस खंड में खरीद नहीं हो सकती थी, लेकिन अधिकारियों की मिली भगत के चलते वेतन के हेड से ठेकेदारों को भुगतान किया गया।
– 12 साल में ऑडिट ने भी इस बात को नहीं पकड़ा कि वेतन हेड से खरीद कैसे हो रही है। ट्रेजरी की आपत्ति भी नहीं आई कि वेतन के हेड से भुगतान कैसे किया गया।
– जिसे वर्क ऑर्डर नहीं है और उसको भुगतान किया गया। रात 12 बजे ट्रेजरी से भुगतान किए गए हैं। ट्रेजरी के आपत्ति के बाद बिल नहीं लौटाए गए।

रिपोर्ट भेजी

– पीएचई घोटाले की रिपोर्ट पुलिस को भेजने के निर्देश दिए हैं। पीएचई के 6 अधिकारी सहित 74 लोगों के नाम एफआइआर में बढ़ाने के लिए निर्देशित किया है।
रुचिका चौहान, कलेक्टर

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