ग्वालियर

प्रदेश से है गांधी की हत्या का कनेक्शन, इस पिस्टल से चलाई थी नाथूराम गोडसे ने गोली

Nathuram Godse fired bullet from this pistol with connection to Gandhi assassination from Madhya Pradesh : मध्यप्रदेश से है गांधी की हत्या का कनेक्शन, इस पिस्टल से चलाई थी नाथूराम गोडसे ने गोली, ग्वालियर शहर में आज भी की जाती है नाथूराम गोडसे की पूजा

ग्वालियरNov 15, 2019 / 02:15 pm

monu sahu

प्रदेश से है गांधी की हत्या का कनेक्शन, इस पिस्टल से चलाई थी नाथूराम गोडसे ने गोली

ग्वालियर। आजाद भारत में 15 नवंबर का दिन बहुत ही अहम है। क्योंकि इस दिन ऐसे शख्स को फांसी पर लटकाया गया था जिसको मानने वाले आज भी दबी जुबान से उन पर गर्व करते हैं। दरअसल राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को आज ही के दिन 15 नवंबर 1949 को सजा-ए-मौत यानि फांसी दी गई थी। नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी की 30 जनवरी 1948 को गोली मारकर हत्या कर दी थी। लोगों ने उनको मौके पर ही पकड़ लिया था, उसके बाद नाथूराम को पुलिस के हवाले किया गया। पुलिस ने नाथूराम के अन्य साथियों को भी पकड़ा इन सभी पर केस चला तो वही कुछ बरी हो गए और जो इस साजिश में संलिप्त पाए गए उनको फांसी की सजा दी गई।
मेरे पास जीने का कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा है बच्चों, मुझे माफ करना

नाथूराम को हत्या के आरोप में 15 नवंबर 1949 को अंबाला जेल में फांसी पर लटका दिया गया था। लेकिन प्रदेश के ग्वालियर शहर में आज भी नाथूराम गोडसे की पूजा की जाती है और उन्हें निर्दोष बताया जाता है। हिन्दू महासभा ने शुक्रवार को नाथूराम गोडसे की 70वीं पुण्यतिथि पर गोडसे की पूजा अर्चना की और उनकी तस्वीर पर माला अर्पण की। बताया जाता है कि महात्मा गांधी की हत्या की कोशिश में नाकाम रहने के बाद नाथूराम गोडसे भागकर ग्वालियर आ गया था। इस बार उसने अपने साथियों की जगह खुद ही बापू को मारने का इरादा कर लिया था। इसके लिए उसने शहर में हिंदू संगठन चला रहे डॉ.डीएस परचुरे के सहयोग से अच्छी पिस्टल की तलाश शुरू की। वहीं ग्वालियर से उन्होंने 500 रुपए की पिस्टल खरीदी। पिस्टल खरीदने की वजह यह थी कि सिंधिया रियासत में हथियार के लिए लाइसेंस की जरूरत नहीं होती थी। वहीं परचुरे के परिचित गंगाधर दंडवते ने जगदीश गोयल की पिस्टल का सौदा नाथूराम से 500 रुपए में कराया था। इसी पिस्टल से नाथूराम ने 30 जनवरी 1948 को गांधी जी की हत्या कर दी थी, पिस्टल ग्वालियर से खरीदी गई थी, और 10 दिन ग्वालियर में रहकर गोडसे और उसके सहयोगियों ने हत्या की तैयारी की थी
href="https://www.patrika.com/gwalior-news/youth-suicide-climbed-on-the-roof-in-train-in-gwalior-5364407/" target="_blank" rel="noopener">बहन के रिश्ते से नाखुश भाई ने उठाया ऐसा कदम, रेलवे स्टेशन पर मच गया हड़कंप

नथूराम से हो गए नाथूराम
बताया जाता है कि नाथूराम गोड़से का असली नाम ‘नथूरामÓथा। उनके परिवार के सदस्य भी उनको इसी नाम से बुलाते थे। अंग्रेजी में लिखी गई उनके नाम की स्पेलिंग के कारण काफी समय बाद उनका नाम नथूराम से नाथूराम हो गया था। नाथूराम के इस नाम के पीछे भी एक लंबी कहानी है। दरअसल नाथूराम के परिवार में उनसे पहले जितने भी लड़के पैदा हुए,सभी की अकाल मौत हो जाती थी। इसे देखते हुए जब नथू पैदा हुए तो परिवार ने उन्हें लड़कियों की तरह पाला। उन्हें बकायदा नथ तक पहनाई गई थी और लड़कियों के कपड़ों में रखा जाता था। इसी नथ के कारण उनका नाम नथूराम पड़ गया था, जो आगे चलकर अंग्रेजी की स्पेलिंग के कारण नाथूराम हो गया था।
कांग्रेस के दिग्गज विधायक को हाईकोर्ट से मिली जमानत, समर्थकों में खुशी की लहर

अकेले नहीं थे हत्या में शामिल
नाथूराम महात्मा गांधी की हत्या में अकेले शामिल नहीं थे, उनके साथ और भी लोग थे। अदालत ने नाथूराम गोडसे और नारायण आप्टे को फांसी की सजा सुनाई थी। बाकी पांच अन्य विष्णु करकरे, मदनलाल पाहवा, शंकर किस्तैया, गोपाल गोडसे और दत्तारिह परचुरे को उम्रकैद की सज़ा मिली थी। बाद में हाईकोर्ट ने किस्तैया और परचुरे को हत्या के आरोप से बरी कर दिया गया था।
उत्तरी हवा के चक्रवात से चंबल में छाए बादल, अब और बढ़ेगी सर्दी

bullet from this pistol with connection Gandhi assassination mp” src=”https://new-img.patrika.com/upload/2019/11/15/gandhi_assassination_mp_5367895-m.jpg”>भरी भीड़ के बीच मारी थी गोली
आमतौर पर देखा गया है कि दबंग किस्म के बदमाश ही भरी भीड़ में किसी को मारने की हिम्मत जुटा पाते हैं वो भी तब जब काफी समय से उनकी सामने वाले से दुश्मनी चली आ रही हो लेकिन यहां ऐसा कुछ नहीं था। उसके बाद भी नाथूराम ने महात्मा गांधी को भरी भीड़ में गोली मार दी थी। नाथूराम के नाम से ऐसा लगता था कि वो हिम्मती और दबंग किस्म के इंसान रहे होंगे।
कश्मीर में बर्फबारी का ग्वालियर चंबल में असर, बारिश और ठंड को लेकर मौसम वैज्ञानिक बोले यह बात

Godse fired bullet from this pistol with connection Gandhi assassination mp
ऐसे की थी बापू की हत्या
30 जनवरी 1948 की शाम 5 बजे बापू प्रार्थना सभा के लिए निकले थे। इस दौरान तनु और आभा उनके साथ थीं। उस दिन प्रार्थना में ज्यादा भीड़ थी। फौजी कपड़ों में नाथूराम गोडसे अपने साथियों करकरे और आप्टे के साथ भीड़ में घुलमिल गया। बापू आभा और तनु के कंधों पर हाथ रखे हुए थे। यहां गोडसे ने तनु और आभा को बापू के पैर छूने के बहाने एक तरफ किया, बापू के पैर छूते-छूते पिस्टल निकाल ली और दनादन बापू पर गोलियां दाग दीं।
अयोध्या मामले में 13 दिन जेल में रहा यह नेता, घर से सीबीआई को मिली थी केवल डायरी

गोली लगते ही ‘हे राम’ कहकर गिर गए
बापू गोलियां लगते ही हे राम….कहते हुए बापू नीचे गिर गए और इस प्रकार मुसोलिनी की सेना की पिस्टल ने महात्मा गांधी की जान ले ली। गोली चलते ही प्रार्थना सभा भी भगदड़ मच गई। गोडसे ने नारे लगाए और खुद ही चिल्ला कर पुलिस को बुलाया। इस दौरान वहां मौजूद लोग तो क्या खुद पुलिस ने भी नाथूराम गोडसे को तब गिरफ्तार किया, जब उसने खुद ही पिस्टल नीचे गिरा दी।
इस लेडी किलर ने करवाया पति का मर्डर, फिर सामने आई दो पति और दो प्रेमी की कहानी

15 नवंबर को दी गई थी फांसी
आपको बता दें कि गांधी की हत्या के आरोप में नाथूराम गोडसे और नारायण दत्तात्रेय आप्टे को अंबाला जेल में फांसी दी गई थी। कहा जाता है कि जब उन्हें फांसी के फंदे तक ले जाया जा रहा था तो उस दौरान गोडसे अखंड भारत का नारा लगा रहे थे तो आप्ट अमर रहे कहते हुए उसके आवाज को बल दे रहे थे।
प्रदेश अध्यक्ष को लेकर बोले सिंधिया पद नहीं जनसेवा के लिए करता हूं काम

गोडसे की यह थी अंतिम इच्छा
15 नवंबर 1949 को नाथूराम गोडसे और नारायण आप्टे को फांसी दी गई थी। फांसी के लिए जाते वक्त नाथूराम के एक हाथ में गीता और अखंड भारत का नक्शा था और दूसरे हाथ में भगवा ध्वज। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि फांसी का फंदा पहनाए जाने से पहले उन्होंने ‘नमस्ते सदा वत्सले’ का उच्चारण किया और नारे लगाए थे। गोडसे ने अपनी अंतिम इच्छा लिखकर दी थी कि उनके शरीर के कुछ हिस्से को संभाल कर रखा जाए और जब सिंधु नदी स्वतंत्र भारत में फिर से समाहित हो जाए और फिर से अखंड भारत का निर्माण हो जाए, तब उनकी अस्थियां उसमें प्रवाहित की जाए। इसमें दो-चार पीढिय़ां भी लग जाएं तो कोई बात नहीं। उनकी अंतिम इच्छा अब भी अधूरी है और शायद ही कभी पूरी हो।
अरब सागर में बने महा तूफान का ग्वालियर चंबल में भी असर, इन जिलों में बढ़ेगी सर्दी

Hindi News / Gwalior / प्रदेश से है गांधी की हत्या का कनेक्शन, इस पिस्टल से चलाई थी नाथूराम गोडसे ने गोली

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.