वही राजधानी दुरंतो जैसी गाडिय़ां कोटा रेलवे स्टेशन के यार्ड में खड़ी रही। हालांकि आरपीएफ उप निरीक्षक नंदलाल मीणा को सूचना मिलते ही तत्काल मौके पर पहुंच गए और पूरा दल बल के साथ उसे उतारने की मशक्कत करते रहे। इसके बाद जब विद्युत विभाग के ओएचई स्टॉप मौके पर टावर वैगन लेकर पहुंचा तब उसे उतारने में सफलता मिली। व्यक्ति को एंबुलेंस की सहायता से सिविल हॉस्पिटल भेजा गया है। डबरा से गुजरने वाली सभी ट्रेनें हुई लेट , दिल्ली मुंबई रेलवे ट्रैक हुआ जाम कई रेल गाडिय़ां हुई घंटे लेट।
इसलिए नहीं लगा करंट
युवक जब तारों पर झूल रहा था तो उसे करंट इसलिए नहीं लगा क्योंकि उसे अर्थिंग नहीं मिली। इस बात को यूं समझे की.. जब युवक 25000 वोल्ट के तारों को पकड़े हुए था तब उसे न्यट्रल ( अर्थिंग) नहीं मिला यदि वह खंबे या अन्य किसी जमीन से संपर्क वाली वस्तु को छू लेता तो उसे 25000 वोल्ट का जोरदार झटका लगता जिसमें उसकी मौत भी हो सकती थी। अब इसे चमत्कार कहें या ईश्वर की मर्जी ऐसा कुछ हुआ नहीं और मानसिक रूप से लाचार युवक ङ्क्षजदा बचा लिया गया।
डबरा रेलवे प्रबंधन की देखने को मिली लापरवाही
घटना अल सुबह 5 बजे की है युवक तारों के बीचोंबीच कैसे और कहां से पहुंचा? इतना सब कुछ होने के बाद भी रेलवे प्रबंधन की ओर से किसी की भी नजर युवक पर नहीं पड़ी। काफी देर तक युवक तारों पर झूलते हुए हंगामा मचाता रहा। जिसे देख राहगीरों ने रेलवे के अधिकारियों को सूचना दी। फिर भी रेलवे प्रबंधन द्वारा मामले में गंभीरता नहीं दिखाई।