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Madhaviraje Scindia: ज्योतिरादित्य से मिलकर भावुक हो गए महाराणा प्रताप के वंशज, 2 घंटे रहे सिंधिया के साथ

ज्योतिरादित्य सिंधिया मातृशोक में हैं और नेता तथा मंत्री उनसे मिलने उनके महल पहुंच रहे हैं। इस बीच उदयपुर मेवाड़ रियासत के राजकुमार महाराणा प्रताप के वंशज भी जय विलास पैलेस पहुंचे और सिंधिया से मिलकर भावुक हो गए…

ग्वालियरMay 20, 2024 / 10:56 am

Sanjana Kumar

स्वर्गीय माधवीराजे सिंधिया को श्रद्धांजलि देने पहुंच रहे नेता, मंत्रीगण।

Late Madhaviraje Scindia: राजमाता माधवीराजे सिंधिया के निधन के बाद जयविलास पैलेस में शोक संवेदना व्यक्त करने नेताओं-मंत्रियों का तांता लगा हुआ है। रविवार को कर्नाटक के राज्यपाल, केंद्रीय सुरक्षा एवं नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री और महाराणा प्रताप के वंशज लक्ष्यराज सिंह भी सिंधिया महल जयविलास पैलेस (Jai Vilas Palace) पहुंचे। जहां सभी ने राजमाता स्व. माधवी राजे सिंधिया की श्रद्धांजलि सभा में भाग लिया और उनके परिवार को ढांढस बंधाया।

महाराणा प्रताप के वंशज लक्ष्यराज सिंह ने भी दी श्रद्धांजलि

उदयपुर मेवाड़ रियासत के राजकुमार महाराणा प्रताप के वंशज लक्ष्यराज सिंह स्व. माधवी राजे सिंधिया (late madhaviraje Scindia) को श्रद्धांजलि अर्पित करने जयविलास पैलेस पहुंचे। जहां उन्होंने राजमाता स्व. माधवी राजे को श्रद्धा सुमन अर्पित किए। वे करीब 2 घंटे महल में ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) के साथ रहे और शोक संतृप्त परिवार को ढांढस बंधाया।

पुष्प अर्पित कर दी श्रद्धांजलि

कर्नाटक के राज्यपाल थावर चंद गहलोत जयविलास पैलेस ग्वालियर पहुंचे। यहां उन्होंने रानी महल पहुंचकर स्व. माधवी राजे सिंधिया की तस्वीर पर श्रद्धासुमन अर्पित किए। वहीं केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से मिलकर शोक संवेदना व्यक्त की। उन्होंने पूरे परिवार को इस दुख की घड़ी में ढांढस बंधाया।

वीके सिंह, पत्नी के साथ पहुंचे जयविलास

केंद्रीय सुरक्षा एवं नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री वीके सिंह (VK Singh) पत्नी के साथ जयविलास पैलेस पहुंचे। वे यहां रानी महल में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में हिस्सा लेने यहां पहुंचे थे। उन्होंने स्व. माधवी राजे को पुष्पांजलि अर्पित की। वीके सिंह ने इस दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि ये बहुत दुखद समय है। जब वो अस्पताल में रहीं, वे दिन भी अत्यंत दुख भरे थे। उनका काफी इलाज चला। लेकिन संघर्ष करती रहीं। जिस तरह महाराज (ज्योतिरादित्य सिंधिया) ने आखिरी समय में अपनी माताश्री (Madhaviraje Scindia) की सेवा की है, वो वाकई प्रशंसनीय है।

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