15 बार चैंपियन सीरीज, 6 बार सुपर सीरीज जीती
पत्रिका से विशेष बातचीत में अधिराज ने बताया, करीब सात साल में 15 बार चैंपियन सीरीज, 6 बार सुपर सीरीज और 2 बार नेशनल सीरीज में चैंपियन बना। वर्ल्ड में चैंपियनशिप में खेलना था, इसलिए नेशनल सर्किट में खेलने बंद कर इंटर नेशनल सर्किट में भाग्य आजमाया। नवंबर-23 में गुवाहटी में खेले गए आईटीएफ वर्ल्ड टेनिस टूर में पहला वर्ल्ड रैकिंग प्वाइंट हासिल किया। अधिराज बताते है कि यह मेरे जीवन का टर्निंग प्वाइंट था। 2800 वर्ल्ड रैकिंग से 1220 रैंक तक पहुंच गया हूं। अब 500 में पहुंचने का लक्ष्य है जिसे पूरा भरोसा है कि हासिल कर लूंगा।
खिलाड़ी धैर्य रखे तो ऊंचाई को छू सकता है
जिन खिलाड़ियों से ऑल इंडिया और नेशनल सीरीज में हारे अब अधिराज उनको हरा रहे हैं। अप्रैल-24 में अधिराज ने बड़ा उलटफेर कर इंडिया नंबर-1 और भारतीय टीम के कप्तान रितिक कटकम को हरा चुके हैं। दिसंबर-23 में नेपाल में खेली गई वर्ल्ड टूर चैंपियनशिप में अधिराज उपविजेता रहे, लेकिन सेमीफाइनल में टॉप सीड खिलाड़ी को हराया। अधिराज बताते है कि टेनिस में भविष्य बेहतर है, यदि खिलाड़ी धैर्य रखे तो वह ऊंचाई को छू सकता है।
ग्रैंड स्लैम में खेलने का सपना
ग्वालियर के अधिराज वर्तमान में चंडीगढ़ में राउंड ग्लास टेनिस एकेडमी में प्रशिक्षण ले रहे हैं। अधिराज बताते है कि बड़े शहरों में इंडिया के टॉप खिलाड़ियों के साथ खेलने का मौका मिलता है। जिससे काफी कुछ सीखने को मिलता है साथ ही अपनी कमजोरियां भी पता चलती है। फिलहाल टेनिस ग्रैंड स्लैम खेलना का सपना है जिसको लेकर पूरी तैयारी के साथ जुटा हूं। इसके लिए 7 घंटे नियमित प्रेटिक्स करता हूं।
पिता को देख खेलना शुरू किया टेनिस
पिता अनुराग ठाकुर खुद एक टेनिस खिलाड़ी रह चुके हैं। अनुराग प्रदेश के दूसरे और ग्वालियर के पहले टेनिस खिलाड़ी थे, जिनको विक्रम अवॉर्ड मिला था। घर में टेनिस का माहौल था। घर में टेनिस के रैकेट और गेंद रखी रहती थी। बस जब भी मौका मिलता था पिता का रैकेट उठाकर खेलने निकल जाता था। अधिराज बताते है कि मां और पिता का पूरा स्पोर्ट मिला, जिस कारण बेहतर प्रदर्शन कर पा रहा हूं। मां मेरी मैनेजर के रूप में हमेशा हर टूर्नामेंट में साथ रहती है और बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रोत्साहित करती है।