इसके साथ ही गाड़ी, घर, मोबाइल और दूसरी कीमती चीजों का भी इंश्योरेंस हो रहा है। कोविड के बाद से अस्पताल के बड़े खर्चों को शॉर्ट इन्वेस्टमेंट से बचाने के लिए हेल्थ पॉलिसीज काम आ रही है। 28 जून को मनाया जाने वाला इंश्योरेंस अवेयरनेस डे लोगों को ऐसी ही प्रेरणा देने के लिए मनाया जाता है।
कोरोना के बाद 30 फीसदी तक बढ़े पॉलिसी धारक, इनमें युवा भी
इंश्योरेंस भविष्य के लिए सिक्योर करता है। अधिकतर लोग लाइफ इंश्योरेंस और हेल्थ इंश्योरेंस को तो वेटेज देते हैं, लेकिन जनरल इंश्योरेंस को पीछे छोड़ देते हैं, जबकि यह भी बहुत जरूरी है। इंश्योरेंस कंपनियों के जानकारों के मुताबिक कोरोना के बाद से लगभग 30 प्रतिशत पॉलिसी धारक बढ़े हैं और खास बात यह है कि इसमें 25 से 30 साल उम्र के युवा भी शामिल हुए हैं। आम तौर पर लोग 40 वर्ष की आयु के बाद हेल्थ पॉलिसी लेते थे, जिसमें अब अवेयरनेस आई है। युवा वर्ग की सेहत को लेकर अब सतर्कता बढ़ गई है। कम उम्र में ही हार्ट अटैक, शुगर और अन्य बीमारियों की कवरिंग हेल्थ पॉलिसी में हो रही है।
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हेल्थ इंश्योरेंस में जा रही 4 करोड़ सालाना प्रीमियम
ग्वालियराइट्स में इंश्योरेंस का क्रेज बढ़ा है। लाइफ कवर, मेडिकल के साथ कार और बाइक का इंश्योरेंस अधिक करवा रहे हैं। यह उनकी लॉन्ग टर्म सेविंग के रूप में सामने आ रहा है। कोविड के बाद से हेल्थ इंश्योरेंस में काफी इजाफा हुआ है, ग्वालियर से ही करीब 4 करोड़ के आसपास सालाना प्रीमियम दिया जा रहा है। कंपनियां भी आगे बढकऱ ग्राहकों के लिए बहुत ही लुभावनी पॉलिसी ला रही हैं। हेल्थ इंश्योरेंस में एक जरूरी बात यह है कि इसकी पॉलिसी कराते समय यदि कोई बीमारी हो तो उसे छुपाना नहीं चाहिए, कई बार क्लेम इन्हीं कारणों से रुक जाते हैं।- पीके दास, इंश्योरेंस एक्सपर्टइंश्योरेंस पॉलिसी लेते समय ये 5 बाते ध्यान
-सबसे पहले ये देखें कि पॉलिसी होल्डर को क्या कवरेज और लाभ मिल रहे हैं. कवरेज के दायरे को समझने के लिए पॉलिसी को ध्यान से पढ़ें -जो भी इंश्योरेंस पॉलिसी आप ले रहे हैं उससे आप पसंदीदा डॉक्टर्स से इलाज करा पाएंगे या नहीं, यह जांचने के लिए नेटवर्क के हॉस्पिटल को अच्छे से देखें. यह भी देखें कि नेटवर्क के हॉस्पिटल बड़े इलाके को कवर करते हैं या नहीं।
-इस बात पर भी गौर करें कि क्या कवरेज वेलनेस प्रोग्राम या प्रिवेंटिव केयर वाउचर जैसा कोई छूट या प्रोत्साहन प्रदान करता है या नहीं। -कोई भी हेल्थ इंश्योरेंस कवरेज चुनते समय बीमा कंपनी के कस्टमर सर्विस एंड सपोर्ट की जांच जरूर करें।
-हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में एक्सक्लूजन्स और लिमिटेशंस को समझने के लिए पॉलिसी को अच्छे से पढ़ें।