एमपी में एक लाख नर्सिंंग स्टूडेंट के लिए बड़ी खबर, अगस्त तक होगी सभी रुकी परीक्षाएंhttps://www.patrika.com/bhopal-news/bsc-nursing-msc-nursing-pbbsc-gnm-exams-till-august-18797171 मानसून की वजह से हवा का रुख दक्षिण पूर्व हो गया है। यह हवा अपने साथ बंगाल की खाड़ी व अरब सागर से नमी लेकर आ रही है। इस वजह से मंगलवार को शहरवासियों को उमस का सामना करना पड़ा। पंखा व कूलर की हवा में भी लोग पसीना से तरबतर रहे। दिनभर गर्मी से राहत के लिए लोग बारिश का इंतजार रहे में रहे। दोपहर में हल्की बूंदाबांदी के बाद बारिश थम गई, लेकिन बारिश के बाद उमस और बढ़ गई। अधिकतम तापमान सामान्य रहा, जबकि न्यूनतम तापमान सामान्य से 0.8 डिग्री सेल्सियस ऊपर रहा।
इन सिस्टम की वजह से मानसून ने पकड़ी रफ्तार
जम्मू कश्मीर से पश्चिमी विक्षोभ गुजर रहा है। इसकी वजह से अरब सागर से भी नमी आ रही है। – देश के अलग-अलग हिस्सों में चक्रवातीय घेरे बने हैं। जिसमें दो चक्रवातीय घेरे मध्य प्रदेश में बने हैं। इन चक्रवातीय घेरों से पूर्व से पश्चिम तक ट्रफ लाइन गुजर रही है। जिससे बंगाल की खाड़ी से भी नमी आ रही है। – चक्रवातीय घेरों का असर ग्वालियर चंबल संभाग में 28 से 29 जून के बीच दिखेगा। अंचल के सभी जिलों में भारी बारिश की संभावना है। कहीं-कहीं 60 से 70 मिली मीटर तक बारिश दर्ज हो सकती है।
गुना शिवपुरी बारिश से हटेगा संकट – ग्वालियर जिले कृषि के बांध व तिघरा शिवपुरी की बारिश पर निर्भर हैं। पोहरी बैराड में पानी बरसने से अपर ककैटो व ककैटो भरता है। इन दोनों बांध से पेहसारी व तिघरा को भरा जाता है। ककैटो के ओवर फ्लो होने पर हरसी भरता है।
– अशोकनगर व शिवपुरी की बारिश से मढीखेड़ा बांध भरता है। इस बांध से हरसी को भरा जाता है। हरसी से डबरा, भितरवार व मुरार को सिंचाई के लिए पानी मिलता है। – ग्वालियर का संकट गुना-शिवपुरी में हुई बारिश से कम होगा। यहां पर भारी बारिश की संभावना बन रही है।