साथ ही पुरातत्व विभाग के तकनीकी सलाहकारों द्वारा बीते दिनों मौके का निरीक्षण कर पुल की हाइट कम करने पर सहमति बन चुकी है और इसके बाद प्रस्ताव संबंधित विभाग को पहुंचाया गया है।
6 जून 2024 को भेजा था ड्राइंग का प्रस्ताव
बता दें कि अमृत योजाना फेज-2 के तहत शहर की पेयजल आपूर्ति के लिए चंबल नदी और कोतवार डेम से पानी वाटर ट्रीटमेंट प्लान्ट तक लाने की टेंडर स्वीकृत में 11 मार्च 2024 को अनुबंध में मुरैना में बरूआ व नूराबाद के पास क्वारी नदी पर एमएस की पाइप लाइन को क्रॉस करने के लिए 6.40 मीटर चौड़ाई के ब्रिज निर्मित करने के अनापत्ति प्रदान करने के लिए 6 जून 2024 को ड्राइंग कर प्रस्ताव भेजा था। ये भी पढ़ें: Ladli Behna Yojana: लाड़ली बहनों के लिए बड़ी खुशखबरी, 5 हजार तक बढ़ेंगे किस्त के रुपए ब्रिज की हाइट कम होने पर बनी थी सहमति
उसके बाद राज्य पुरातत्व विभाग ने सांक नदी के पुराने और नए पुल के बीच से पाइप लाइन निकालने के लिए निर्माण होने वाले पुल का 100 मीटर होने का नियम आड़े आने पर मना कर दिया था। इसके बाद निजी जमीन के लेने पर प्रोजेक्ट कॉस्ट बढऩे की स्थिति में दूसरा रास्ता खोजने पर निर्माण होने वाले ब्रिज की हाइट कम होने पर सहमति बनी थी।
नए ब्रिज से 3.17 मीटर पाइप लाइन वाले ब्रिज का होगा निर्माण
निगम के पीएचई अफसरों व पुरातत्व विभाग के तकनीकी सलाहकार आरपी शाक्य ने बीते दिन सांक नदी पर निर्माण होने वाली जगह का निरीक्षण किया था। जिसमें पुराने ब्रिज से ऊंचे पिलर न बनाने पर सहमति बनने के बाद तय हुआ कि नए ब्रिज से 3.17 मीटर और पुराने से 1.5 मीटर नीचे पाइप लाइन वाले ब्रिज का निर्माण होगा। निगम ने 20 सितंबर-24 को प्रस्ताव संशोधन यानि बनने वाले ब्रिज की हाइट कम करने की ड्रॉइग के साथ प्रस्ताव बनाकर आयुक्त सहसंचालक पुरातत्व अभिलेखागार व संग्रहालय भोपाल को भेज दिया।
शुरू होगा कार्य
जल संसाधन विभाग ने निगम को सांक नदी क्षेत्र में होने वाले निर्माण के लिए दो माह पहले ही निर्माण के लिए अनुमति दी जा चुकी है। अब पुरातत्व विभाग की अनुमति मिलते ही चंबल नदी और कोतवाल डेम से पानी लाने के लिए पाइप लाइन डालने का काम शुरू होगा। जिले के प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट ने 22 सिंतबर को पत्र लिखकर आयुक्त सहसंचालक पुरातत्व विभाग से एनओसी देने के लिए कहा है।