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मौत के चंगुल से बचकर भी कतर में फंसे हैं पूर्व कमांडेंट पुर्णेदु, ऐसे लौट सकेंगे भारत

पूर्व कमांडेंट पुर्णेंदु तिवारी समेत 8 पूर्व नौसेना अधिकारियों को कतर कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई थी। जिसे भारत सरकार के प्रयासों से कैंसिल किया गया था। अब 8 में से 7 अफसर भारत लौट आए हैं, जबकि पूर्व कमांडेंट पुर्णेदु तिवारी ट्रैवल बैन के चलते अभी लौट नहीं सके हैं। लेकिन उनकी वापसी भी जल्द हो जाएगी।

ग्वालियरFeb 12, 2024 / 07:55 pm

Faiz

मौत के चंगुल से बचकर भी कतर में फंसे हैं पूर्व कमांडेंट पुर्णेदु, ऐसे लौट सकेंगे भारत

ग्वालियर. डेढ़ साल से कतर जेल में बंद 8 पूर्व भारतीय सैनिकों के परिवार के लिए बड़ी खबर सामने आई है। बता दें कि कतर सरकार ने 8 में से 7 भारतीय नौसेना के पूर्व अफसरों को अपने देश लौटने की अनुमति दे दी है। हालांकि, इनमें से एक पूर्व सैनिक रिहाई के बाद भी कतर से भारत नहीं लौट सके हैं। इसके पीछे वजह ये है कि उनका ट्रैवल बैन है। आपको बता दें कि अबतक भारत न लौट पाने वाले पूर्व कमांडेंट पुर्णेदु तिवारी का मध्य प्रदेश के ग्वालियर से गहरा नाता है। ग्वालियर में उनकी बहन डॉक्टर मीतू भार्गव रहती हैं। अपने भाई की मौत की सजा कैंसिल होने और कतर जेल से रिहाई मिलने पर उन्होंने खुशी जाहिर की है।


कतर में भाई की रिहाई की खबर सामने आने के बाद ग्वालियर में रहने वाली डॉ. मीतू भार्गव की खुशी का ठिकाना नहीं है। उन्होंने बताया कि रात में ही उन्हें खबर मिली थी कि कतर ने उनके भाई पूर्व कमांडेंट पूर्णेंदु तिवारी को रिहा कर दिया है। हालांकि, ट्रैवल बैन की वजह से फिलहाल वो अपने देश वापस नहीं लौट पा रहे हैं, लेकिन जल्द ही वो भारत लौट आएंगे। उन्होंने कहा कि, उन्हें इस बात की भी बेहद खुशी है कि उनके साथ जेल में बंद अन्य 7 लोग सकुशल भारत लौट चुके हैं। भारत सरकार द्वारा चलाई गई मुहिम के तहत उनके भाई समेत 8 लोगों की रिहाई पर डॉ. मीतू भार्गव ने प्रधानमंत्री मोदी समेत केंद्र सरकार का धन्यवाद व्यक्त किया है।

 

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अभी खुशी अधूरी है

डॉक्टर भार्गव ने कहा कि वैसे अगर पर्सनल तौर पर कहें तो अभी हमारी खुशी कुछ अधूरी है। क्योंकि अभी मेरे भाई पूर्व कमांडेंट पूर्णेन्दु तिवारी वापस घर नहीं लौटे हैं। उन्होंने कतर के फैसले का भी तहे दिल से स्वागत किया। उन्होंने कहा कि हम कतर के अमीर का भी शुक्रिया अदा करते हैं। उन्होंने बताया कि मेरी मेरे भाई से भी बात हुई है। वे फिलहाल कतर में स्थित अपने घर पर पहुंच चुके हैं। वीडियो कॉल पर उन्हें देखा तो वो दिखने में भी अच्छे लग रहे हैं। उन्हें इस तरह देखकर बहुत खुशी हुई।

 

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भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत

गौरतलब है कि कतर जेल में बंद आठ पूर्व नौसेना के अफसरों को कतर हुकूमत ने फांसी की सजा सुनाई थी। लेकिन, भारत सरकार द्वारा किए गए प्रयासों से उन आठों अफसरों की मौत की सजा खत्म कर दी गई थी। इसके बाद अब उन सभी पूर्व अफसरों की रिहाई हो गई है और उन 8 में से 7 अफसर भारत स्थित अपने अफने घर लौट आए हैं। अब भारतीयों को सिर्फ पूर्णेंदु तिवारी के सकुशल लौटने का इंतजार है।

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