फेस्टिव सीजन : 70 लाख से अधिक का होगा राखियों का कारोबार
ग्वालियर. भाई-बहन के प्रेम की प्रतीक रक्षाबंधन का पर्व इस साल 15 अगस्त को पडऩे जा रहा है। स्वतंत्रता दिवस के दिन पड़ रहे इस त्योहार के लिए शहर के बाजारों में राखियों की बिक्री शुरू हो चुकी है और बहनें अपने भाईयों के लिए राखियां खरीदती हुई देखी जा सकती हैं। राखी कारोबारियों के अनुसार इस साल शहर में करीब 70 लाख रुपए से अधिक की राखियां बिकने की उम्मीद है। बाजार में 2 रुपए से लेकर 250 रुपए तक की राखियां मौजूद हैं। इस बार रक्षाबंधन और स्वतंत्रता दिवस एक ही दिन होने के कारण देशभक्ति पर आधारित राखियों का कलेक्शन बाजार में उतारा गया है। यहां से आती है राखियां शहर में राखियों का कारोबार रक्षाबंधन से 20 दिन पहले ही शुरू हो जाता है। राखी विक्रेताओं के मुताबिक देश में राखियां सबसे अधिक कोलकाता, अलवर और राजकोट में तैयार की जाती हैं। लूज में यहां तैयार की गई राखियों को दिल्ली, आगरा आदि स्थानों पर पैकिंग के जरिए आकर्षक कर देश के अन्य स्थानों पर भेज दिया जाता है। नहीं मिल रहे वाटरप्रूफ लिफाफे राखियों के भेजने के लिए हर साल पोस्ट ऑफिस में आने वाले वाटरप्रूफ लिफाफे इस साल आमजन को नहीं मिल पा रहे हैं। ये लिफाफा 10 रुपए में मिलता था। डाक विभाग के प्रवर अधीक्षक एसके ठाकरे ने बताया कि इस साल टेंडर नहीं होने के कारण लिफाफे नहीं आ सके हैं। सोने और चांदी की राखी इस साल महंगी इस साल सोने और चांदी की राखी के दाम महंगे रहेंगे। चांदी पिछले साल से महंगी है इसलिए इसमें 10 ग्राम चांदी की राखी पर करीब 40 रुपए अधिक देने होंगे। सराफा कारोबारी गौरव गोयल ने बताया कि बाजार में 200 से 500 रुपए तक की चांदी की राखियां मिल रही हैं। वहीं सोने पर एक्साइज ड्यूटी 10 से बढकऱ 12.5 फीसदी होने के कारण 10 ग्राम सोने की राखी पर 500 रुपए अतिरिक्त देना होंगे। 10 ग्राम सोने की राखी करीब 36 हजार रुपए से अधिक की पड़ेगी। 20 दिन पहले से शुरू हुआ काम भावनाओं के इस त्योहार पर राखियों की खरीद-फरोख्त रक्षाबंधन से 20 दिन पूर्व ही प्रारंभ हो जाती है। इस साल राखियों का बाजार 70 लाख से अधिक होने की उम्मीद है। – लालाबाबू अग्रवाल, राखी कारोबारी