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होगी देव आराधना
ज्योतिषाचार्य पंडित नरेन्द्रनाथ पांडेय ने बताया कि सनातन परंपरा में देवशयनी एकादशी से देवउठनी एकादशी तक का समय चातुर्मास कहलाता है। इन चार महीनों में देव आराधना की जाती है। कई तीज-त्योहार भी आते हैं। इस दौरान मांगलिक कार्य विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन आदि पूरी तरह से वर्जित रहते हैं।
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चातुर्मास के प्रमुख पर्व
जुलाई
23 को देवशयनी एकादशी, 27 को गुरु पूर्णिमा, 28 से सावन शुरू।
अगस्त
11 को हरियाली अमावस्या, 15 को नागपंचमी, 26 को रक्षा बंधन।
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सितंबर
2 को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, 13 गणेश चतुर्थी, 23 को अनंत चतुर्दशी
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अक्टूबर
20 को शारदीय नवरात्र प्रारंभ, 19 को दशहरा, 24 को शरद पूर्णिमा
नवंबर
5 को धनतेरस, 7 को दीपावली, 19 को देवउठनी एकादशी