अयांश श्रीवास्तव, ग्वालियर के थाटीपुर दर्पण कॉलोनी में रहने वाले प्रवीण श्रीवास्तव का इकलौता बेटा था। वो कक्षा तीसरी का छात्र था। अयांश को कुछ समय से बुखार आ रहा था। 7 अक्टूबर को उसकी हालत अचानक बिगड़ गई, जिसके चलते परिजनों ने बिड़ला अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां उसकी हालत देखकर अस्पताल प्रबंधन ने उसे भर्ती कर लिया। डॉ. वीके शर्मा की निगरानी में उसका इलाज चल रहा था। अगले दिन डेंगू की जांच रिपोर्ट भी पॉजिटिव आ गई। प्लेटलेट्स भी तेजी से कम हो रहे थे। इसके बाद भी डॉक्टर लगातार परिवार को हालात में सुधार की बात कहते रहे, लेकिन असल में बच्चे की हालत दिन पर दिन बिगड़ती जा रही थी।
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6 अक्टूबर का मनाया था 9वां बर्थडे
अयांश श्रीवास्तव 6 अक्टूबर को ही 9 साल का हुआ था। उसका जन्मदिन हर साल धूमधाम से मनाया जाता था, लेकिन इस बार उसकी तबीयत ठीक न होने के कारण बड़ा आयोजन नहीं किया गया। परिवार ने घर में ही छोटा सा जश्न किया और सभी ने उसकी लंबी उम्र की कामना की थी, लेकिन सात दिन बाद ही अयांश दुनिया से चला गया।परिवार का आरोप
बता दें कि 9 साल के अयांश की मौत के बाद उसके पिता प्रवीण श्रीवास्तव और मां का रो-रोकर बुरा हाल है। परिजन ने इलाज में लापरवाही और डॉक्टरों द्वारा लगातार अयांश की हालत उनसे छुपाए रखने का आरोप भी लगाया है। परिजन का मानना है कि शायद पहले दिल्ली के लिए रेफर कर दिया जाता तो अयांश आज जिंदा होता। यह भी पढ़ें- MP में फिर 168 करोड़ की एमडी ड्रग्स पकड़ाई, फैक्ट्री संचालक समेत 4 धराए