यहां जो अर्जी लगाने के लिए पहुंचता है उसकी मनोकामना गणेश जी पूरी करते हैं। मान्यता है कि जब रास्ते बंद हो जाए उसके बाद मुस्कुराते हुए इन श्री गणेश जी के दरबार में अर्जी लगा दो बस काम बन जाएगा। यही वजह है कि यहां अर्जी लगाने देश भर से लोग पहुंचते हैं। इसलिए इन्हें अर्जी वाले गणेश कहा जाता है।
क्या खास है इस गणेश प्रतिमा में
धार्मिक जानकारों के अनुसार यह बहुत ही दुर्लभ प्रतिमा है। गणेश प्रतिमा के साथ ही रिद्धि-सिद्धि हैं जो उनके दोनों तरफ विराजमान हैं। गणेशजी के उल्टे हाथ में विद्या है तो सीधे हाथ में फरसा। नीचे दो मूसक हैं। बहुत की कम प्रतिमाओं में यह सभी भगवान इस मुद्रा में एक साथ होते हैं। यही कारण कि यह बहुत ही सिद्धियोग वाले गणेश माने जाते हैं। यहां सच्चे दिल से मांगी गई मनोकामना पूरी होती है। खास बात यह है की अर्जी वाले गणेश जी प्रतिमा पिक पत्थर की है और गणेश प्रतिमा के पीछे दो मोर भी बने हुए हैं।
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अविवाहित लगाते है अर्जी
ग्वालियर के इस मंदिर में सबसे ज्यादा भीड़ अविवाहितों की लगती है। ऐसा माना जाता है कि कि यहां दर्शन करने से अविवाहित युवक-युवतियों की शादी जल्दी होती है। इसके साथ ही शादी- शुदा जीवन की बाधाएं दूर करने के लिए भी यहां अर्जी लगाई जाती हैं। मान्यता है कि अगर युवा वर्ग अपनी कोई मनोकामना भगवान गणेश से पूरी करने की प्रार्थना करता है तो उसकी वह मनोकामना भी पूरी होती है। यही कारण है कि यहां पर युवा अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए अर्जी लगाने पहुंचते है।
गणेश उत्सव में लगती है भीड़
गणेश मंदिर के पुजारी का कहना है कि वैसे तो सालभर यहां भक्तों की भारी भीड़ लगी रहती है। गणेश चतुर्थी से 11 दिन तक यहां पर काफी भीड़ रहती है और दूर-दूर से लोग यहां पर अर्जी लगाने के लिए पहुंचते हैं। मान्यता है कि किसी भी व्यापारी को अगर व्यापार में घाटा होने लगता है तो इनकी शरण में आकर सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं। इसके साथ ही सबसे ज्यादा युवक और युवती यहां अर्जी लगाने के लिए पहुंचते हैं। अपनी नौकरी और विवाह की मनोकामना करते हैं ।