वारदात के बाद प्रभारी एसपी अमनसिंह राठौर, एएसपी पंकज पांडेय, सतेन्द्र तोमर कई थानों के टीआई के अलावा क्राइम ब्रांच की टीम सहित पूरा का कुनबा मौके पर पहुंच गया। अधिकांश पुलिसकर्मी सिर्फ घटनास्थल के आस-पास ही घूमकर फुटेज तलाशते रहे। बदमाशों की घेराबंदी के प्रयास तुरंत किए जाते तो शायद वे पुलिस गिरफ्त में होते ?
Smart City Gwalior : घर से निकलते ही कुछ दूर चलते ही रस्ते में हैं ” गड्ढे ही गड्ढे “
रैकी के बाद हत्या और लूट
कैश वैन के गार्ड को गोली मारकर 8 लाख की लूट, ड्राईवर हुआ घायल कैशियर सही सलामत
loot and murder in gwalior” src=”https://new-img.patrika.com/upload/2019/07/07/cashier_4804695-m.jpg”>मेरे सामने गार्ड को मारी गोली , तो मैं जान बचाकर भागा
मैं कैश लेकर वैन में बैठ पाया था कि बदमाशों ने हमला कर दिया। उन्होंने बिना कुछ कहे गार्ड को गोली मार दी। मैंने देखा तो जीप से उतरकर दौड़ लगा दी। रास्ते में कीचड़ में भी गिर पड़ा। बदमाश में मुझे भागते देखा तो मुझ पर भी पिस्टल तानी, लेकिन मैंने कीचड़ से उठकर ऑफिस के अंदर भागकर जान बचाई।
जैसा कि गोल पहाडिय़ा निवासी कैशियर रीतेश पचौरी ने पत्रिका को बताया
कहकरगए थे शाम को जल्दी आ जाऊंगा
गार्ड रमेश तोमर 10 साल से गार्ड की नौकरी कर रहे थे। उनकी पत्नी शांति देवी के अलावा दो बेटे कृपाल और दिलीप हैं। बेटी की शादी हो चुकी है। रिश्तेदारों ने बताया सुबह 9 बजे ड्यूटी के लिए निकले थे। पत्नी से कहा था शाम को घर जल्दी आ जाऊंगा लेकिन घर उनका शव पहुंचा।
ऐसे हुई वारदात