मामला भितरवार के बामरोल हल्के की पटवारी अनीता श्रीवास्तव के निलंबन का है। ग्वालियर हाईकोर्ट की युगल पीठ ने एकल पीठ के उस फैसले पर रोक लगा दी है जिसमें उनके निलंबन आदेश को निरस्त कर दिया गया था।
दरअसल बामरोल हल्के की पटवारी अनीता श्रीवास्तव पर राजस्व महाभियान के दौरान बटांकन, सीमांकन कार्य में कोई रुचि नहीं दिखाने का आरोप लगाया गया। नक्शा तरमीम के 1065 प्रकरण में से 1 प्रकरण का ही निराकरण किया।
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राजस्व अभियान की जब समीक्षा की गई तो अनीता श्रीवास्तव की कोई प्रगति नहीं पाई गई थी। न कार्य में रूचि दिखाई दी। इसके चलते एसडीओ भितरवार (एसडीएम) ने पटवारी अनीता श्रीवास्तव को निलंबित किया। पटवारी ने इस आदेश को चुनौती दी। एकलपीठ ने आदेश निरस्त कर दिया।
राजस्व अभियान की जब समीक्षा की गई तो अनीता श्रीवास्तव की कोई प्रगति नहीं पाई गई थी। न कार्य में रूचि दिखाई दी। इसके चलते एसडीओ भितरवार (एसडीएम) ने पटवारी अनीता श्रीवास्तव को निलंबित किया। पटवारी ने इस आदेश को चुनौती दी। एकलपीठ ने आदेश निरस्त कर दिया।
सरकार ने दायर की अपील, युगलपीठ ने की सुनवाई : एकलपीठ ने अपने फैसले में कहा था कि एसडीओ (एसडीएम) को पटवारी को निलंबित करने का अधिकार नहीं है। भू राजस्व संहिता पटवारी की नियुक्ति का अधिकार नहीं देती है। यह अधिकार कलेक्टर के पास है। इसलिए एसडीओ (सब डिवीजन ऑफिसर) को अधिकार नहीं है।
हाईकोर्ट के एकलपीठ के इस निर्णय के खिलाफ सरकार ने पूर्ण कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए हाईकोर्ट की युगल पीठ में रिट अपील दायर की। इसकी सुनवाई करते हुए युगल पीठ ने एकल पीठ के आदेश पर रोक लगा दी।