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जब अटलजी के कहने पर पूरी भाजपा हो गई थी सुशील के साथ,राजमाता विजयाराजे सिंधिया ने खुद किया प्रचार

जब अटलजी के कहने पर पूरी भाजपा हो गई थी सुशील के साथ,राजमाता विजयाराजे सिंधिया ने खुद किया प्रचार

ग्वालियरAug 17, 2018 / 02:24 pm

monu sahu

जब अटलजी के कहने पर पूरी भाजपा हो गई थी सुशील के साथ,राजमाता विजयाराजे सिंधिया ने खुद किया प्रचार

ग्वालियर। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का शिवपुरी से अधिक जुड़ाव तो नहीं रहा,लेकिन शिवपुरी के कुछ लोगों का उनसे बड़ा गहरा रिश्ता रहा। आज भी वे अटलजी की फोटो व पत्रों को लोग कागजों पर चिपका कर सहेजे हुए हैं। शिवपुरी विधानसभा चुनाव में सुशील बहादुर अष्ठाना को भाजपा का चुनाव चिह्न न मिलने का किस्सा भी लोग याद कर रहे हैं, जिसमें अटलजी के हस्तक्षेप से निर्दलीय प्रत्याशी के साथ पूरी भाजपा खड़ी हो गई। शिवपुरी शहर के निचला बाजार में रहने वाले यशवंत जैन ने अपना वो पत्र बताया,जो अटलजी ने सांसद रहते हुए भाजपा के तत्कालीन वरिष्ठ नेता कैलाश सारंग को लिखा था।
 

यशवंत बताते हैं कि 5 जून 1982 को हमारा एक ट्रक डकैत रमेश सिकरवार ने लूटकर जला दिया था। इस मामले में यशवंत जैन ने जब दिल्ली जाकर अटलजी से मुलाकात की तो उन्होंंने 26 जुलाई 1982 को अपने लैटर हेड पर एक पत्र कैलाश सारंग के लिए लिखा। यशवंत उस कागज को भी सहेजकर रखे हुए हैं, जिसमें उन्होंने 7 अगस्त 1983 को ग्वालियर प्रवास के दौरान अटलजी, आडवाणी व शेजवलकर के हस्ताक्षर का ऑटोग्राफ लिया था।
 

पुरानी शिवपुरी राधारमण मंदिर के आगे हलवाई की दुकान संचालित करने वाले शंकरलाल ठेइया के पास आज भी वो फोटो है, जिसमें अटल बिहारी वाजपेयी शिवपुरी स्थित उनके घर आए थे। इस फोटो में ठेइया फूलों की माला अटल जी को पहना रहे हैं। ठेइया बताते हैं कि यह फोटो लगभग 50 साल पुराना है, जब हम जनसंघ में थे और लगभग डेढ़ सैकड़ा कार्यकर्ताओं का भोजन अपने घर में किया था।
 

अष्ठाना के मामले में किया था अटलजी ने हस्तक्षेप
वर्ष 1990 में शिवपुरी विधानसभा से भाजपा का टिकट सुशील बहादुर अष्ठाना को दिए जाने के लिए अटलजी ने हरी झंडी दे दी थी। यशवंत जैन बताते हैं कि जब टिकट फायनल हुआ तो भाजपा का मेंडेड विनोद गर्ग टोडू को मिला। जिसके चलते जैन सहित कई भाजपा नेता दिल्ली में अटलजी से मिलने पहुंचे तो उन्होंने कहा कि जब मैंने सुशील का टिकट फायनल किया,तो फिर उसे काट किसने दिया। बाद में सुशील बहादुर अष्ठाना तीर-कमान चिह्न पर चुनाव लड़े तथा राजमाता विजयाराजे सिंधिया सहित पूरी भाजपा ने सुशील बहादुर का साथ देकर उन्हें विधायक बनाया।
 

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