पांच लाख का मिलेगा पुरस्कार
तानसेन अलंकरण और राजा मानसिंह तोमर अलंकरण के लिए पुरस्कार की राशि को इस बार बढ़ाया गया है। तानसेन अलंकरण के लिए पूर्व में दो लाख की रकम बढ़ाकर पांच लाख और राजा मानसिंह तोमर अलंकरण के लिए एक लाख की रकम बढ़ाकर पांच लाख कर दी गई है। 24 दिसंबर की शाम हजीरा स्थित तानसेन समाधि स्थल पर मुख्य कार्यक्रम और सुबह हरिकथा मिलाद के साथ इसकी शुरूआत होगी। 28 दिसंबर को सुबह बेहट में और शाम को गूजरी महल में महिला संगीत सभा का आयोजन होगा।
स्थानीय समिति का गठन नहीं
तानसेन समारोह से करीब एक माह पूर्व हर बार स्थानीय समिति का गठन किया जाता है, लेकिन ऐसा पहली बार होने जा रहा है जब समिति का गठन नहीं किया गया। यही नहीं स्थानीय समिति की बैठक भी नहीं हुई।
22 दिसंबर को 13 स्थानों पर सजेगी संगीत की महफिल
तानसेन संगीत समारोह के पूर्व 22 दिसंबर को शहर के अलग-अलग स्थानों पर स्थानीय कलाकारों की संगीत सभाएं होंगी। समारोह में महाराज बाड़ा स्थित टाउन हॉल, बायजा ताल, हस्सू-हद्दू खां सभागृह, जय विलास पैलेस, राजा मानसिंह तोमर विश्वविद्यालय, शासकीय माधव संगीत महाविद्यालय, शंकर गंधर्व महाविद्यालय कंपू, दत्त मंदिर, पड़ाव स्थित गंगादास की शाला, हनुमान चौराहा स्थित लक्ष्मीनाराण मंदिर, मुरार स्थित द्वारिकाधीश मंदिर, पड़ाव स्थित तानसेन कलावीथिका और ग्वालियर दुर्ग पर संगीत की महफिलें सजेंगी। इसके साथ ही शिवपुरी, दतिया और बटेश्वर में भी पूर्व रंग गमक कार्यक्रम किए जाएंगे।
वर्कशॉप कराई जाएगी
यूनेस्को ने हाल ही में ग्वालियर शहर को सिटी ऑफ म्यूजिक का दर्जा दिया है। वाराणसी और चेन्नई भी इसमें शामिल है। ऐसे में वहां के संगीतकारों की यहां जीवाजी विश्वविद्यालय और राजा मानसिंह तोमर संगीत विश्वविद्यालय में वर्कशॉप कराई जाएगी। वहां के महापौर को भी इसमें आमंत्रित किया जाएगा।